उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने समान वेतन का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है देश में काम करने वाले सभी का वेतन एक समान होना चाहिए। जब एक ही काम करने के लिए सरकारी कर्मचारी को 50 हजार मिलते हैं तो उसी काम को करने के लिए संविदा कर्मी, आउट सोर्सिंग वाले लोगों को क्यों 8 हजार रुपये ही मिलते हैं। इसके लिए सरकार को समान वेतन तय करना चाहिए।

संसद में प्ले कार्ड लेकर प्रदर्शन कर रहे आजाद समाज पार्टी कांशीराम के मुखिया चंद्रशेखर ने कहा, ‘देश में सरकारी कर्मचारी की संख्या बहुत कम है। करीब 2 प्रतिशत सरकारी नौकरी है। लेकिन उसके अलावा भी एक बहुत बड़ा सेक्टर है जिसे हम प्राइवेट सेक्टर कहते हैं। जिसमें संविदा, ठेकेदारी और आउट सोर्सिंग के जरिए भी बहुत सारे कर्मचारी काम कर रहे हैं। उसी काम को करने के लिए सरकारी कर्मचारी को 8 घंटे का 50 हजार का वेतन मिलता है, जबकि उसी के साथ काम करने वाला संविदा वाले को कर्मचारी को 8 घंटे का 8 हजार मिलता है।’

काम के हिसाब से मिलनी चाहिए तनख्वाह – चंद्रशेखर

उन्होंने आगे कहा, ‘ये जो वेतन के बीच गैप नजर आ रहा है ये पूरी तरह से गलत है। समान काम-समान वेतन, गरीमाई जीवन जीने के लिए जो वेतन की जरूरत हैं कम से कम उतना वेतन तो कर्मचारियों को मिलना ही चाहिए। आप ये महसूस कीजिए कि जैसे कि पुलिस है पुलिस के कर्मचारी को 50 हजार तनख्वाह मिलती है जबकि होमगार्ड को 10 से 12, 16 हजार रुपये मिलते हैं। पीआरडी के जवान को उससे भी कम सैलरी मिलती है। तो मैं ये समझता हूं कि ये अन्याय बंद होना चाहिए। जितने भी संविदा, आउट सोर्सिंग और ठेकेदारी पर कर्मचारी काम कर रहे हैं उनको जितना काम करते हैं उनके काम के हिसाब से तनख्वाह मिलनी चाहिए।’

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आजाद ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा, ‘मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि सभी को एक समान वेतन मिलना चाहिए। इसके लिए सरकार कानून लाए जिसमें समान वेतन, समान काम और समान सम्मान होना चाहिए। जिस तरह का सम्मान सरकारी कर्मचारी को मिलता है उसी प्रकार प्राइवेट कर्मचारी को भी मिलना चाहिए।’