दुनियाभर में कोरोनावायरस वैक्सीन का इंतजार लंबा हो सकता है। दरअसल, बड़ी संख्या में अमीर देशों ने कोविड वैक्सीन के लिए पहले ही इनकी निर्माता कंपनियों से समझौता कर लिया है। ऐसे में गरीब देशों तक वैक्सीन पहुंचने में देरी आ सकती है। बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन खरीदने के मामले में 160 करोड़ डोज के साथ भारत सबसे आगे है। इसके बावजूद इतनी वैक्सीन से देश की सिर्फ 59 फीसदी आबादी का ही टीकाकरण किया जा सकेगा।

अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, उच्च आय वर्ग वाले देशों में कोरोनावायरस वैक्सीन की खरीद में तेजी आई है और कई देशों ने तो अपनी आबादी से कई गुना वैक्सीन डोज पहले ही खरीद ली हैं। जबकि मध्यम और निचले आय वर्ग वाले देश अब तक वैक्सीन की खरीद नहीं कर पाए हैं। वैक्सीन को लेकर अमीर देशों और विकासशील देशों के बीच पैदा हुए इस अंतर इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंता जाहिर कर चुका है।

यूनिवर्सिटी के डेटा के मुताबिक, एक बार कोरोना वैक्सीनों के बाजार में आ जाने के बाद ज्यादातर कंपनियों के टीके अमीर देशों के पास ही जाएंगे, जबकि COVAX साझेदारी में शामिल देशों को वैक्सीन कम पड़ जाएंगी। बता दें कि WHO ने COVAX के जरिए अमीर देशों से वैक्सीन इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा था, ताकि कोरोना को रोकने के लिए इन्हें पर्याप्त मात्रा में गरीब देशों के दिया जा सके।

बता दें कि 1.6 अरब डोज के साथ भारत कोरोनावायरस वैक्सीन खरीदने वाले देशों की लिस्ट में शीर्ष पर है। इसके बाद यूरोपियन यूनियन का नंबर है, जिसने छह अलग-अलग फर्म से 136 करोड़ डोज खरीद ली हैं। इसके बाद 110 करोड़ डोज खरीद के साथ अमेरिका का नंबर है। चौथे स्थान पर COVAX के साझेदार देश हैं, जबकि पांचवें पर कनाडा और छठे पर ब्रिटेन का नंबर है।

हालांकि, अगर आबादी के हिसाब से देशों की वैक्सीन खरीद को देखा जाए, तो कनाडा ने इतने टीके खरीदे हैं कि वहां पूरी आबादी का पांच बार टीकाकरण हो सकता है। कनाडा के बाद अमेरिका का नंबर है, जिसने अपनी आबादी के मुकाबले 443 फीसदी वैक्सीन खरीद की है। वहीं ब्रिटेन ने 418 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया ने आबादी से 266 फीसदी ज्यादा और ईयू ने 244 फीसदी ज्यादा वैक्सीन खरीदी हैं।

विकासशील देशों की बात करें, तो भारत की खरीद सबसे ज्यादा होने के बावजूद अभी सिर्फ 59 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन लग सकती है। इसके अलावा मेक्सिको ने आबादी के 84 फीसदी, ब्राजील ने 46 फीसदी और कजाखस्तान ने आबदी के 15 फीसदी के लिए वैक्सीन खरीद ली है। फिलीपींस का नंबर सबसे आखिरी है, जिसने सिर्फ एक फीसदी आबादी के लिए ही टीके खरीदे हैं।