सोमवार से संसद के मानसून सत्र का आगाज होने वाला है। मानसून सत्र से एक दिन पहले रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सभी दलों के नेताओं से बैठक की। इस मानसून सत्र में सरकार दो वित्तीय विधेयक सहित सहित 31 विधेयक को पास कराने की तैयारी में है। हालांकि इस बार के मानसून सत्र में काफी हंगामा होने के आसार हैं।

विपक्षी सांसद केंद्र सरकार को किसान आंदोलन, राफेल डील, भ्रष्टाचार, महंगाई, तेल के दामों में बढ़ोतरी, कोरोना के टीकों की कमी और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी में हैं। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कहा है कि सरकार हर विषय पर चर्चा करने को तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बहस काफी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए स्वस्थ और सार्थक चर्चा होनी चाहिए। 

हालांकि इस बार के मानसून सत्र में सबसे ज्यादा हंगामा किसान आंदोलन के मुद्दे पर हो सकता है। आंदोलन को 7 महीने से भी अधिक होने के बावजूद कोई कोई ठोस समाधान नहीं निकलने से नाराज किसानों ने संसद कूच का ऐलान किया है। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी विपक्षी दलों के सांसदों के लिए ‘पीपुल्स व्हिप’ जारी किया है। व्हिप में उनसे सदन से वॉकआउट नहीं करने को कहा गया है। सांसदों को सदन में रहकर तीनों कृषि कानूनों का विरोध करने को कहा गया है।

मानसून सत्र के दौरान किसानों के संसद कूच को लेकर किसान नेताओं ने दिल्ली पुलिस के साथ बैठक की। किसान नेता डॉ दर्शनपाल ने कहा कि हमारी पुलिस से बात हुई है। हमने पुलिस से कहा है कि 22 जुलाई को 200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद चलाएंगे। हमने संसद के घेराव की बात कभी नहीं कही। हमें उम्मीद है कि हमें अनुमति मिलेगी।  

किसानों के संसद कूच को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली मेट्रो को पत्र लिखकर संसद भवन के आसपास के सभी मेट्रो स्टेशनों जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस, उद्योग भवन पर अतिरिक्त निगरानी रखने और जरूरत पड़ने पर उन्हें बंद करने के लिए कहा है।

प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान भी किसान आंदोलन का मुद्दा उठा। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा नीत गठबंधन से अलग होने वाली शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि आज सभी पार्टियों ने इस बात पर जोर दिया कि किसान आंदोलन एक बड़ा मुद्दा है और इसको हल किया जाए। सदन तब चलेगा जब लोगों के मुद्दों को हल किया जाएगा।

वहीं सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि क़रीब 33 पार्टी के 40 से ज़्यादा नेताओं ने चर्चा में भाग लिया और किस विषय पर चर्चा होनी चाहिए उन्होंने इसका सुझाव भी दिया। प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से स्वस्थ और सार्थक चर्चा होनी चाहिए।