दक्षिण पश्चिम मानसून की तेजी में बीते दिनों आए ठहराव को दूर करते हुए मानसून ने गति पकड़ी और समय से दो दिन पहले रविवार को केरल के तट पर दस्तक दी। भारतीय मौसम विभाग ने इस बार समय से पहले मानसून आने की उम्मीद लगाई थी, लेकिन बाद में रफ्तार कम होने से इसमें दो से तीन दिन की देरी की उन्हें आशंका थी।

भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक मृत्युजंय महापात्र ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून अपने सामान्य निर्धारित समय से एक जून के बजाय 29 मई को ही केरल पहुंच गया। पहले विभाग ने चक्रवात असानी के छोड़े प्रभाव की मदद से मानसून की गति के तेजी पकड़ने और 27 मई को केरल पहुंचने का अनुमान लगाया था।

इस अनुमान में चार दिन की प्रतिमान त्रुटि की संभावना थी। यानी कि इसमें चार दिन आगे पीछे होने की संभावना थी, लेकिन बीच में श्रीलंका पहुंच कर मानसून ठहर गया। जिससे मौसम विज्ञानियों को लगा कि एक बार फिर उनके अनुमान को मानसून गच्चा दे सकता है और संभवत: यह एक जून को ही केरल तट पहुंचेगा, लेकिन हाल के दो दिनों में बनी अनुकूल स्थितियोंं ने इसे फिर गति दे दी और मानसून तेजी से बढ़ते हुए केरल के तट को छू ही लिया।

विभाग ने कहा है कि हालांकि, दक्षिणी प्रायद्वीप पर फैले इस अवशेष मौसम तंत्र (असानी) का प्रभाव कमजोर हो गया। असानी एक पखवाड़े पहले बंगाल की खाड़ी में आया था। विभाग ने बताया कि अब आने वाले दिनों में केरल के बाकी इलाकों के साथ-साथ तटीय कर्नाटक और महाराष्ट्र में मानसून का तंत्र आगे बढ़ेगा। केरल में दस्तक देने के बाद मानसून धीरे-धीरे उत्तर भारत की ओर बढ़ेगा।

मानसून को लेकर मौसम विभाग का पहले का अनुमान सटीक साबित हुआ है। मानसून वक्त से काफी पहले 16 मई को अंडमान व निकोबार द्वीप समूह पहुंच गया था और च्रकवात के शेष प्रभाव के चलते इसके आगे बढ़ने के आसार थे। मौसम विभाग ने 29 मई से एक जून के दौरान केरल में भारी बारिश की संभावना जताई है। वहीं, लक्षद्वीप में 30 मई को भारी बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग ने कहा है कि मौसम संबंधी नए संकेतों के अनुसार, दक्षिण अरब सागर के निचले स्तरों में पछुआ हवाएं चलनी तेज हो गई हैं। सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार केरल तट और उससे सटे दक्षिण पूर्व अरब सागर में बादल छाए हुए हैं। इसलिए, केरल में मानसून की अच्छी शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।