राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने यहां संगठन के एक शिविर में विवादास्पद ‘घर वापसी’ के मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बचते हुए कहा कि हिंदू समाज वर्षों से कहता रहा है कि अन्य धर्मों को भी स्वीकार करना चाहिए। संघ से जुड़े संगठनों का ‘घर वापसी’ कार्यक्रम हाल ही में सुर्खियों में रहा जिसकी वजह से नरेंद्र मोदी सरकार को विरोधियों ने घेरना शुरू कर दिया।
घर वापसी कार्यक्रम से जुड़े संघ के वरिष्ठ प्रचारक और धर्म जागरण समन्वय समिति के संयोजक राजेश्वर सिंह को संघ द्वारा छुट्टी पर भेजे जाने के बाद इस विवादास्पद विषय के बारे में पूछे जाने पर भागवत ने कुछ नहीं कहा। गत 20 दिसंबर को कोलकाता में संघ के एक कार्यक्रम में भागवत ने घर वापसी के नाम से चलाये जा रहे कार्यक्रम का पुरजोर बचाव किया था।
हालांकि पिछले हफ्ते मोदी और भागवत की दिल्ली में मुलाकात की खबरों के बाद हालात बदले हुआ देखे जा रहे हैं।
संघ प्रमुख ने कहा कि दुनिया के अन्य धर्म जहां दूसरे धर्म के लोगों को सहने की बात करते हैं वहीं हिंदू समाज सालों से कह रहा है कि अन्य धर्मों को भी स्वीकार करना चाहिए। भागवत ने कहा, ‘‘वे (अन्य धर्म) कहते हैं कि ये लोग (दूसरे धर्म वाले) अच्छे नहीं हैं, लेकिन आपको उन्हें सहन करना होगा, लेकिन हिंदुत्व कहता है कि आपको सभी को स्वीकार करना होगा क्योंकि सभी में कुछ न कुछ सर्वश्रेष्ठ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संस्कृति सनातन है जो हमें हर चीज में भगवान देखने की बात सिखाती है। हम गाय, तुलसी और गंगा नदी में भगवान देखते हैं।’’ भागवत ने एक मजबूत हिंदू समाज बनाने पर जोर दिया जो अपने खिलाफ किसी भी प्रहार को विफल कर सके।