प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से कई मुद्दों पर बात की है। उनकी तरफ से बिना नाम लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी सच्चाई का आईना दिखाया गया। पीएम मोदी ने जोर देकर बोला कि वे किसानों का, मछुआरों का हक नहीं मारने देंगे और उनके साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं एक दीवार की तरह खड़ा हो जाऊंगा। इसके बाद पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की भी बात की। उन्होंने दो टूक कहा कि दाम कम दम ज्यादा वाले मंत्र पर आगे बढ़ना पड़ेगा। एक बड़ा संदेश देते हुए पीएम मोदी ने यहां तक कहा कि भारत को अपनी खुद की क्षमताओं पर भरोसा होना चाहिए और दूसरों को विचार दिखाने के लिए बारे में नहीं सोचना चाहिए।
इसके बाद पीएम मोदी ने सुदर्शन चक्र का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं आज लाल किले की प्राचीर से कह रहा हूं कि आने वाले 10 साल में, 2035 तक राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण स्थलों, जिनमें सामरिक के साथ-साथ सिविलियन क्षेत्र भी शामिल हैं – जैसे अस्पताल, रेलवे, आस्था के केंद्र सभी को तकनीक के नए प्लेटफॉर्म द्वारा पूरी तरह सुरक्षा का कवच दिया जाएगा। अगले दस वर्षों में, 2035 तक, मैं इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण करना चाहता हूं। भगवान श्री कृष्ण से प्रेरणा लेते हुए, हमने सुदर्शन चक्र का मार्ग चुना है… अब देश, मिशन सुदर्शन चक्र लॉन्च करेगा।
अब पीएम मोदी ने सुदर्शन चक्र की तो बात की ही, इसके अलावा सिंधू जल समझौता पर भी अपने विचार रखे। भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी, अब एक साथ नहीं बहेंगे। अब देशवासियों को भलीभांति पता चला है कि सिंधु का समझौता कितना अन्यायपूर्ण है, कितना एकतरफा है। भारत से निकलने वाली नदियों का पानी दुश्मनों के खेतों को सींच रहा है और मेरे देश के किसान, मेरे देश की धरती, पानी के बिना प्यासी है। ये ऐसा समझौता था, जिसने पिछले 7 दशक में मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है। हिंदुस्तान के हक का जो पानी है, उस पर सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान के किसानों और हिंदुस्तान का अधिकार है। भारत कतई सिंधु समझौते के उस स्वरूप को आगे नहीं सहेगा। किसान हित में, राष्ट्र हित में ये समझौता हमें मंजूर नहीं है।