राममंदिर मामले पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि ये केस उन्होंने जिताया, लेकिन उसके बाद पीएम मोदी ने सारा काम अपने हाथ में ले लिया। यहां तक कि उन्हें शिलान्यास में आने तक नहीं दिया गया। सांसद ने कहा कि वो 15 सितंबर 2018 के बाद से अयोध्या नहीं गए हैं। मंदिर बन जाएगा तो जरूर जाएंगे।
अयोध्या में हुए जमीन घोटाले पर स्वामी का कहना था कि जिस चंपत राय का नाम इसमें जोड़ा जा रहा है वो साधू आदमी है। वो अपना सब कुछ छोड़कर इस मुहिम के साथ जुड़ा है। उन्हें नहीं लगता कि ये शख्स किसी घोटाले में शामिल हो सकता है। हालांकि, उनका ये भी कहना था कि पीएम मोदी को सारा मामला देखना चाहिए। वो राम मंदिर से जुड़े सारे मामलों पर खुद नजर रखे हैं।
ईटीवी भारत से बातचीत में सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चीन पर सरकार के एक्शन से वे खुश नहीं है। मोदी सरकार ने चीन को भारतीय सीमा के अंदर क्यों आने दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक पीएम मोदी ने अमेरिका के दबाव में की. सुब्रमण्यम स्वामी से बातचीत की।
स्वामी ने सरकार को चेताते हुए कहा कि वर्कर की आवाज सुनी जानी चाहिए। नहीं तो हाल बाजपेयी सरकार जैसा हो जाएगा। अटल बिहारी जैसे कद्दावर व्यक्तित्व के बावजूद बीजेपी 100 से कुछ ऊपर जाकर अटक गई थी। इंडिया शाइनिंग, फील गुड जैसे नारे भी हवा में उड़ गए। हालांकि, उनका कहना था कि उन्हें उम्मीद है कि 2024 में फिर से बीजेपी की सरकार बनने जा रही है।
स्वामी अपनी ही सरकार पर बीते काफी अर्से से खासे हमलावर हो रहे हैं। वो यहां तक कह चुके हैं कि कोरोना से निपटने का जिम्मा नितिन गडकरी को सौंप देना चाहिए। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि भारत में एक और कोरोना की लहर आ सकती है जिसमें बच्चे और अधिक खतरे में होंगे। ऐसे में जरूरी कड़े कदम उठाने होंगे।
सुब्रमण्यम स्वामी ने का मानना है कि सिर्फ पीएमओ पर निर्भर रहने से काम नहीं चलेगा। कोरोना के बढ़ते केस के बाद जो हालात हैं उससे निपटने के तरीकों को लेकर विपक्ष की ओर से आलोचना हो रही है। सरकार को इसमें तत्काल ठोस कदम उठाने चाहिए।