कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में शुक्रवार (4 अगस्त 2023) को मिले राहत के बाद एक तरफ कांग्रेस पार्टी में उत्साह का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ उनके भाषण को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ हिस्सों को “तथाकथित जश्न” के बीच उजागर नहीं किया गया। वरिष्ठ भाजपा नेता ने फैसले के कुछ हिस्सों को ट्विटर पर पोस्ट किया, जिसमें वह हिस्सा भी शामिल है, जिसमें शीर्ष अदालत ने गांधी को सार्वजनिक भाषण देते समय संयम बरतने को कहा था।

”पैरा 8 – सुप्रीम कोर्ट का कहना है – राहुल गांधी के बयान अच्छे नहीं हैं”

उन्होंने ट्वीट किया, ”पैरा 8 – सुप्रीम कोर्ट का कहना है – राहुल गांधी के बयान अच्छे नहीं हैं। सार्वजनिक जीवन में एक व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय कुछ हद तक संयम बरतने की उम्मीद की जाती है और उसे अधिक सावधान रहना चाहिए।” सरमा ने कहा कि आदेश में ”माननीय उच्चतम न्यायालय में राहुल गांधी के 2019 के अवमानना मामले का स्पष्ट संदर्भ है, जिसमें बार-बार अपराधी के रूप में उनकी विश्वसनीयता को रेखांकित किया गया है।”

उन्होंने यह भी बताया कि पैरा 12 में, ”माननीय सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट करता है कि रोक निचली अदालत में चल रही अपील प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करेगी।” शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, सरमा ने गांधी का नाम लिए बिना एक ट्वीट में कहा था कि दोषी ठहराए जाने पर न्यायपालिका का दुरुपयोग किया जाता है, लेकिन जब वह जमानत दे देती है तो जश्न मनाया जाता है।

उन्होंने कहा था, “दोहरेपन की पराकाष्ठा! जब आप दोषी पाए जाते हैं तो आप न्यायपालिका का दुरुपयोग करते हैं और जब वही न्यायपालिका आपको जमानत दे देती है, तो आप कहते हैं कि न्याय की जीत हुई है।” कांग्रेस ने न्याय देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया था और दावा किया था कि कोर्ट ने राहुल गांधी के लिए संसद में लौटने और लोगों की समस्याओं को सरकार के सामने रखने का मार्ग प्रशस्त किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें “मोदी उपनाम” से संबंधित उनकी टिप्पणी पर मानहानि मामले में निचली अदालत द्वारा उनकी सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। पूर्णेश मोदी के अलावा कई अन्य बीजेपी नेताओं ने देशभर में मानहानि का मुकदमा दायर किया था।