69वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण को जहां युवाओं और किसानों ने सराहा तो वहीं दूसरी ओर विरोधी पार्टी के नेता उनके भाषण की कड़ी आलोचना करते दिखाई दिए। कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी का भाषण में अहम की भावना नजर आई। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मोदी के भाषण की बातें बेईमानी लगती हैं।
उन्होंने कहा कि लाल किले पर स्वंतत्रता दिवस पर जो भी मोदी ने कहा उन बातों में कहीं न कहीं अहंकार का एक उत्कृष्ट प्रतिबिंब था। दरअसल, पीएम मोदी की आलोचना का कारण उनका वह भाषण बना जब उन्होंने कहा कि भारत मोदी है और मोदी ही भारत है।
ये भाषण कांग्रेसी नेता को अहम से भरा हुआ प्रतीत हुआ। उन्होंने कहा कि ये बहुत खतरनाक है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर दिए भाषण में ऐसा जैसे कि पीएम नहीं बल्कि कंपनी के मुंशी बोल रहे हों हो जो समझा रहे हों कि कैसे गरीबो से पैसा छीनकर अमीरों को दिया जाए।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने सुषमा, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह पर तो कुछ बोला नहीं, और उफ़ा में जो समझौता हुआ था, उसके जो परखच्चे उड़े जा रहे है उसके बारे में कुछ बोलें। स्वच्छ भारत का काम जरा अपने घर का आसपास दिल्ली में ही देख लें कि पिछले एक साल में दिल्ली कितनी गंदी हो गई है। ये सरकार नारों की सरकार है, 2022 में एक दूसरी सरकार होगी।
गौरतलब है कि पूरे मानसून सत्र में भी पीएम मोदी की सरकार के मंत्रियों को टारगेट करते हुए संसद भंग करते रहे और उन्हें जैसे ही मौका मिला तो संसद के सत्र के बाद भी उनकी तीखी जुवानी जारी है।