कोरोना की दूसरी लहर धीमी पड़ने के साथ ही भाजपा ने एक बार फिर अपने चुनावी फॉर्म में लौट रही है। एक तरफ भाजपा के बड़े नेताओं को समीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश भेजा गया तो दूसरी तरफ दिल्ली में समीक्षा बैठक के लिए पार्टी के नेताओं को दिल्ली बुला लिया गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा इसी सप्ताह दिल्ली में बड़ी समीक्षा बैठक कर सकते हैं जिसमें पूरे देश से भाजपा नेता शामिल होंगे।

इस बैठक में सभी राज्यों के भाजपा महासचिव और प्रभारी शामिल हो सकते हैं। इस बैठक का अहम मुद्दा उन चुनौतियों से निपटना होगा जिसकी वजह से सरकार की आलोचना हुई है। कोरोना काल में अव्यवस्थाओं को लेकर लोग मोदी सरकार से नाराज़ नज़र आ रहे हैं। ऐसे में पार्टी अपनी छवि को सुधारने के लिए आगे की रणनीति तैयार कर सकती है।

कोरोना संकट के दौरान पश्चिम बंगाल चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा अब कोई ढील नहीं देना चाहती है। इसी को देखते हुए दिल्ली से दो नेताओं को उत्तर प्रदेश भेजा गया था। हालांकि समीक्षा के बाद बीएल संतोष ने कहा कि ‘यूपी में सब ठीक है।’ अगले साल यानी 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में योगी सरकार की भी जमकर आलोचना हुई है।

गतिविधियों ले अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा को इस बात का पता चल गया है कि कोरोना संकट के दौरान पार्टी और नेताओं की छवि को धक्का लगा है। ऐसे में आगे का रास्ता ठीक करने के लिए बड़ी रणनीति की जरूरत होगी।

कोरोना काल में भाजपा ने अपने कार्यकर्ता भी खोये हैं। पार्टी ने प्रांतीय स्तर पर चार सदस्यों की कमिटी का गठन करके कहा कि जान गंवाने वाले कार्यकर्ताओं के परिवारों की मदद की जाएगी। नड्डा ने दिवंगत कार्यकर्ताओं की सूची मंगवाई है। यह काम सबसे पहले उत्तराखंड से शुरू किया गया है। बता दें कि उत्तराखंड में भी चुनाव नजदीक है औऱ इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को राज्य की बागडोर सौंप दी गई है।