Modi Govt Grants Andhra CM Chandrababu Naidu: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात के अभी पांच ही बीते हैं। इसी बीच केंद्र ने आंध्र प्रदेश में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश से तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल हब स्थापित करने की प्रमुख मांग को स्वीकार कर लिया है। केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में प्रमुख सहयोगी नायडू ने बुधवार को भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( बीपीसीएल ) के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर राज्य में रिफाइनरी स्थापित करने को लेकर चर्चा की थी। अब लोगों की नजरें बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जा टिकी हैं। ऐसे इसलिए क्योंकि केंद्र में टीडीपी के साथ जेडीयू में अहम भूमिका में है,भले ही उसकी लोकसभा की सीटें टीडीपी के बराबर न हों।

द इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में जानकारों के हवाले से लिखा है कि रिफाइनरी के लिए तीन स्थानों पर चर्चा की गई। इनमें श्रीकाकुलम, मछलीपट्टनम और रामायपट्टनम शामिल हैं। लोगों ने बताया कि रिफाइनरी की औपचारिक घोषणा 23 जुलाई को पेश किए जाने वाले बजट में किए जाने की संभावना है। स्थानों का मूल्यांकन किया जाएगा और फिर उन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इस प्रक्रिया में कम से कम दो महीने लगेंगे और बजट में स्थान की घोषणा नहीं की जा सकती है।

बता दें, यह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के साथ अपनी बैठकों के दौरान रिफाइनरी स्थापित करने के लिए जोर दिया था। नायडू के 16 सांसद भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को बहुत जरूरी समर्थन देते हैं। हालांकि, नायडू स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि उनके मन में अपने राज्य के हित हैं और वे किसी भी मांग पर नाव को हिलाने के लिए तैयार नहीं हैं।

रिफाइनरी राज्य के विभाजन के समय की गई प्रतिबद्धता है और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 में निर्धारित की गई है। अधिनियम की धारा 93 में कहा गया है कि केंद्र “नियत तिथि से 10 वर्ष की अवधि के भीतर उत्तराधिकारी राज्यों की प्रगति और सतत विकास के लिए तेरहवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी आवश्यक उपाय करेगा”। तेरहवीं अनुसूची के “बुनियादी ढांचे” शीर्षक के तहत चौथा बिंदु कहता है, “आईओसी या एचपीसीएल, नियत तिथि से छह महीने के भीतर, उत्तराधिकारी राज्य आंध्र प्रदेश में एक ग्रीनफील्ड कच्चे तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स स्थापित करने की व्यवहार्यता की जांच करेगा और उस पर शीघ्र निर्णय लेगा।”

बीपीसीएल और पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस कदम के बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन नायडू ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा, “देश के पूर्वी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित हमारे राज्य में पेट्रोकेमिकल की महत्वपूर्ण संभावनाएं हैं। आज, मैंने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री कृष्ण कुमार के नेतृत्व में इसके प्रतिनिधियों से मुलाकात की। हमने आंध्र प्रदेश में 60-70,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की स्थापना की संभावना पर विचार किया। मैंने 90 दिनों में एक विस्तृत योजना और व्यवहार्यता रिपोर्ट मांगी है। इस परियोजना के लिए लगभग 5,000 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी, जिसे सरकार बिना किसी परेशानी के पूरा करने के लिए तत्पर है।”

बिहार ने क्या मांगा?

बिहार नौ हवाई अड्डे,चार नई मेट्रो लाइन्स और सात नए मेडिकल कॉलेज के साथ 200 अरब का थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए केंद्र से पैसा मांगा है। 20 हजार किलोमीटर अधिक लंबाई की सड़कों की मरम्मत के लिए अलग से मांग रखी है। साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है। ऐसे में बिहार को लेकर बजट में कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं।