जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्याप्त ‘संदेह और द्वेषभाव’ के तत्व खत्म होने चाहिए और दोनों देशों को वार्ता के जरिये मतभेदों को दूर करना चाहिए। उमर की टिप्पणी ऐसे समय में आयी है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ सहित दक्षेस देशों के नेता काठमांडो में क्षेत्रीय सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं।
सोनावर विधानसभा सीट से नामांकन परचा का दूसरा सेट दाखिल करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने पड़ोसी देशों तक पहुंच बनाने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की।
काठमांडु में दक्षेस सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उमर ने वार्ता का समर्थन किया और कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि सही सोच वाला कोई वार्ता नहीं करना चाहेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अंतत: हमने पाकिस्तान के साथ अपने मतभेद दूर करने के लिए हर कोशिश की। हमने युद्ध किया, हमने बातचीत रोक दी लेकिन अपने मतभेद दूर करने के लिए सबसे निकट तब आए जब भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे से बातचीत की चाहे (अटल बिहारी) वाजपेयी साहेब के समय या डॉ मनमोहन सिंह के समय।’’
उमर ने कहा, ‘‘और इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि हमारे संबंधों के बीच संदेह और द्वेषभाव के ये तत्व धीरे धीरे हटना चाहिए और अगर दक्षेस सम्मेलन यह अवसर मुहैया कराता है तो इससे बढ़िया और कुछ नहीं होगा।’’
केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में टिप्पणी के लिए कहे जाने पर उमर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी की सबसे बड़ी सफलता विदेश को लेकर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश के भीतर मैंने उतनी उपलब्धि नहीं देखी जितना उन्होंने विदेशों में हासिल की हैं।’’ उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुख्य अतिथि के रूप में होने वाली यात्रा को ‘‘सबसे बड़ी सफलता’’ बताया।
पूर्ववर्ती राजग सरकार में विदेश राज्य मंत्री रह चुके उमर ने मोदी की पड़ोसी देशों से संपर्क बनाने की भी सराहना की और कहा, ‘‘उन्होंने हमारे उन पड़ोसी देशों से सम्पर्क बनाकर बड़ा काम किया है जो पारंपरिक रूप से बहुत नजरंदाज महसूस कर रहे थे।’’
यद्यपि, उन्होंने कहा कि देश के भीतर ‘‘मुझे लगता है कि छह महीने उनके प्रदर्शन का आकलन करने के लिए काफी नहीं होंगे लेकिन काला धन जैसे कुछ महत्वपूर्ण चुनावी वादे स्पष्ट तौर पर पूरे नहीं हुए। हमसे वादा किया गया था कि एक महीने के भीतर काला धन देश में वापस लाया जाएगा।’’
उमर ने राज्य में चुनाव के पहले चरण में हुए ऐतिहासिक मतदान के बारे में सतर्क टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसमें यही जोड़ना चाहूंगा कि यह एक चरण का चुनाव नहीं है, अभी चार चरण और होने बाकी हैं, जिसमें से तीन चरण घाटी में लड़े जाने हैं। इसलिए इससे पहले कि हम गोली पर वोट के भारी पड़ने, अलगाववादियों की हार पर किसी नतीजे पर पहुंचें, मेरा मानना है कि हमें इन (घाटी के) तीन चरणों के पूरा होने का इंतजार करना चाहिए।’’
उमर ने उम्मीद जतायी कि बाकी चरण भी शांतिपूर्ण सम्पन्न हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद हम जिस भी नतीजे पर पहुंचना चाहें पहुंच सकते हैं। मेरा मानना है कि कल लोकतंत्र की जीत हुई है, यह किसी की हार नहीं थी और यह मायने नहीं रखता कि वोट किधर गए क्योंकि हमें 23 दिसम्बर को पता चल जाएगा कि किसने किसे वोट किया। मैं उस प्रत्येक व्यक्ति का आभारी हूं जिसने इतनी ठंडी और अन्य चीजों के बावजूद घर से बाहर आकर वोट किया। मैं उम्मीद करता हूं कि अन्य चरणों में बाकी लोग भी यही करेंगे।’’
पहले चरण के चुनाव के तहत कल 15 सीटों के लिए मतदान हुआ जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया।
यह पूछे जाने पर कि क्या अधिक मतदान उनकी पार्टी के पक्ष में था, उमर ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो काडर आधारित है। उन्होंने कहा, ‘‘आपको राज्य के सभी तीन क्षेत्रों में ऐसा एक भी गांव नहीं मिलेगा जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस का एक भी काडर ना हो। यदि किसी पार्टी ने आतंकवाद का दंश झेला है तो वह नेशनल कॉन्फ्रेंस है। जब बंदूक का भय कम हो तो यही उम्मीद की जाती है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ता बाहर आएंगे और संभव है कि कल (पहले चरण के चुनाव के दिन) यही हुआ हो।’’
मंगलवार को राहुल गांधी द्वारा यह आरोप लगाये जाने पर कि उनकी सरकार ‘‘अयोग्य’’ है, उमर ने कहा, ‘‘मैंने राहुल की टिप्पणी नहीं देखी है। मैं टिप्पणी नहीं करूंगा।’’