मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 100 शहरों में 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। इसके लिए केंद्र सरकार 57,613 करोड़ रुपए देगी। इस योजना को पीएम-ई बस नाम दिया गया है।

ई बस सेवा के लिए 20 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी जबकि बाकी की रकम राज्य सरकार देगी। यह बस पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए चलाई जाएगी। सात हजार करोड़ रुपए बस सेवा के लिए लोन भी लिया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा बसों के चलने के लिए शहरों का चयन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना 3 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले शहरों को कवर करेगी और उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां ऑर्गनाइज़्ड बस सर्विसेज नहीं हैं। वहीं इस स्कीम के जरिए 45 से 55 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

विश्वकर्मा योजना को भी केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। बता दें कि इस योजना का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से किया था। इस योजना के जरिए देश के छोटे कामगारों को आर्थिक मदद दी जाएगी। अनुराग ठाकुर ने बताया कि छोटे कामगारों को लोन से लेकर ट्रेनिंग, एडवांस टेक्नोलॉजी की जानकारी, स्किल से जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि 13,000 करोड़ रुपए की विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत शिल्पकारों को एक लाख रुपए तक का लोन 5% की ब्याज पर दिया जाएगा और 30 लाख शिल्पकार परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।

मोदी सरकार डिजिटल इंडिया को भी बढ़ावा दे रही है। इसको लेकर कैबिनेट ने जानकारी देते हुए बताया कि 14,903 करोड़ रुपए के खर्च के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को भी मंजूरी दी गई है। डिजी लॉकर को लेकर अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डिजी लॉकर केवल नागरिकों के लिए उपलब्ध है और इसके 40 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं। इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय रेलवे की 7 मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है।