भारतीय सेना को अधिक मजबूत बनाने और लड़ाकू क्षमताओं को विस्तार देने के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सशस्त्र बलों को खूंखार बनाने के लिए आज 39,125 करोड़ रुपये की बड़ी डिफेंस डील की है। इसके तहत रक्षा मंत्रालय ने मिग-29 जेट के लिए ब्रह्मोस, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, रडार, वैपन सिस्टम, और एयरो-इंजन की खरीद में शामिल है। लद्दाख में चीन के साथ भारत के टकराव के बाद से ही भारतीय सेना को मजबूत किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक प्लेटफार्मों और हथियार प्रणालियों की खरीद के कॉन्ट्रेक्ट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा सचिव गिरिधर अरामाने की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए थे। ये सौदे स्वदेशी क्षमताओं को ज्यादा मजबूती देंगे। इससे विदेशी मुद्रा को भी बचाने में अहम साबित होंगे। भविष्य में विदेशी मूल के उपकरण निर्माताओं पर निर्भरता कम करेंगे।
रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए दो अलग-अलग सौदे तय किए गए। इसके तहत पहला 19,518.65 करोड़ रुपये की लागत से ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड () से (BAPL) ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए है। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि इन मिसाइलों का उपयोग भारतीय नौसेना के कॉमबेट आउटफिट और ट्रेनिंग जरूरतों को भी पूरा करेगा। इसके अलावा दूसरा कॉन्ट्रेक्ट 988 करोड़ रुपये की लागत से BAPL से जहाज-जनित ब्रह्मोस प्रणाली की खरीद के लिए है।
जमीन से हवाओं तक में बढ़ेगी ताकत
जानकारी के मुताबिक ये मिसाइलें समुद्री हमले के संचालन के लिए भारतीय नौसेना का प्राथमिक हथियार होंगी और इन सभी हथियारों को विभिन्न फ्रंटलाइन युद्धपोतों पर लगाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि यह प्रणाली सुपरसोनिक गति से सटीक और सटीकता के साथ विस्तारित दूरी से जमीन या समुद्री लक्ष्यों को मारने में सक्षम है। मिग-29 विमानों के लिए आरडी-33 एयरो इंजन की खरीद के सौदे पर सरकारी एयरोस्पेस दिग्गज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ हस्ताक्षर किए गए और परियोजना की लागत 5249.72 करोड़ रुपये होगी।
मिग-29 विमानों के लिए आरडी-33 हवाई इंजन के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 5,249.72 करोड़ रुपये की लागत का करार किया गया है। जानकारी के अनुसार इन हवाई इंजनों से पुराने हो रहे मिग-29 बेड़े की परिचालन क्षमता को बनाए रखने के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) की आवश्यकताएं पूरा होने की उम्मीद है।