आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत पांच साल के लिए कुल 1,600 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है। पीटीआई पर दी गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री की अध्यक्षा में बुधवार को हुई मीटिंग में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत अब आपके स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारी डिजिटल हो जाएगी।
वहीं एक सरकारी बयान के अनुसार आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के उपयोग से दूर के क्षेत्रों में सुविधाएं पहुंचाना और भी आसान हो जाएगा। साथ ही मरीजों की जानकारी ऑनलाइन होने से उनका इलाज सही तरीके से हो सकेगा और वे कहीं भी आसानी से इलाज करा सकेंगे।
क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
भारत सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को डिजिटल करने के एक कदम को बढ़ाया है। इसके तहत मरीजों का Health ID Card जनरेट किया जाता है। जिसपर मरीजों के इलाज और दवाओं का पूरा डेटा रहता है। इस कारण वे जहां चाहें, जाकर अपना इलाज आसानी से करा सकते हैं। 15 अगस्त 2020 को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन लांच करने की घोषणा की गई थी। जिसके बाद छह केंद्र शासित प्रदेश में इसे लागू किया गया था। अब इसे कैबिनेट की मंजूरी दे दी गई है।
खाता जनरेट कर सकेंगे
जानकारी के मुताबिक, इसके तहत देश के लोग अपनी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या (ayushman bharat health account number) जेनरेट कर सकेंगे जिससे डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड (digital health record) को जोड़ा जा सकेगा। जिससे वे डॉक्टर के नुस्खे, लैब रिपोर्ट, अस्पताल के रिकॉर्ड आदि सहित अपने सभी मौजूदा और नए मेडिकल रिकॉर्ड को जोड़ने के लिए ABHA नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
17 करोड़ से ज्यादा खाते
जानकारी के अनुसा, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में 24 फरवरी 2022 तक, 17,33,69,087 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए गए हैं और एबीडीएम में 10,114 डॉक्टरों और 17,319 स्वास्थ्य सुविधाओं को जोड़ा जा चुका है। और इन संख्याओं को आगे भी बढ़ाया जाएगा।