देश में सात मौजूदा सांसदों और 199 विधायकों ने अपने पैन कार्ड विवरण घोषित नहीं किये हैं, जिनकी चुनाव के वक्त नामांकन पत्र भरने के लिए जरूरत होती है। एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) की इस रिपोर्ट को 542 लोकसभा सांसदों और 4,086 विधायकों के स्थायी खाता संख्या (पैन) के विवरण के विश्लेषण के बाद तैयार किया गया है।
संसद और राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारियों के समक्ष अपने नामांकन पत्रों के साथ अपने हलफनामों में पैन का विवरण देना होता है।

एडीआर ने एक बयान में कहा,‘‘पैन विवरण घोषित नहीं करने वाले सबसे अधिक 51 विधायक कांग्रेस के हैं। इसके बाद भाजपा के 42 विधायक, माकपा के 25 विधायक हैं।’’ राज्यवार सबसे अधिक संख्या (33) केरल से है।

इसके बाद मिजोरम (28) और मध्य प्रदेश (19) हैं।’’ दिलचस्प बात यह है कि मिजोरम राज्य विधानसभा में विधायकों की संख्या 40 हैं जिसमें से 28 विधायकों ने पैन विवरण नहीं दिया है।

अगर सांसदों की बात करें तो, ओडिशा से दो बीजेडी सांसद, तमिलनाडु से दो एआईडीएमके सांसद और असम, मिजोरम और लक्षद्वीप से एक-एक सांसदों ने अपने पैन कार्ड का डिटेल नहीं दिया है। कांग्रेस, एआईयूडीएफ और एनसीपी के एक-एक सांसदों ने अपने पैन कार्ड का विवरण जमा नहीं किया है। इनमें भाजपा के 18, कांग्रेस के नौ और जेडीयू के तीन सांसदों की दी गई जानकारी में गड़बड़ियां मिली हैं।

इससे पहले कुछ दिनों पहले ही एडीआर की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई थी। यह रिपोर्ट चुनाव में लड़ रहे अपराधी उम्मीदवारों को लेकर थी।

मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच की कॉर्डिनेटर रोली शिवहरे के मुताबिक, एडीआर ने 2013 विधानसभा चुनाव में दाखिल किए गए 230 में से 225 विधायकों के हलफनामों की पड़ताल की। जिनमें 68 पर आपराधिक और 43 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।