एमके स्टालिन ने आज अधिकारिक तौर पर अपने पिता एम. करुणानिधि की विरासत संभाल ली और डीएमके के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। एमके स्टालिन(65 वर्षीय) एम.करुणानिधि के बाद डीएमके के दूसरे अध्यक्ष चुने गए हैं। स्टालिन इससे पहले एक साल से भी ज्यादा वक्त तक डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे, अब अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्हें अधिकारिक तौर पर अध्यक्ष चुना गया है। अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले भाषण में एमके स्टालिन ने एआईएडीएमके, पीएम मोदी और परोक्ष रुप से अपने भाई एमके अलगिरी पर निशाना साधा। एआईएडीएमके पर निशाना साधते हुए एमके स्टालिन ने कहा कि एआईएडीएमके लोगों के लिए तो काम कर ही नहीं रही है साथ ही लोगों की भलाई के विरुद्ध काम कर रही है।
एमके स्टालिन का अध्यक्ष चुने जाने का समारोह पार्टी हेडक्वार्टर में आयोजित हुआ। इस दौरान जगह जगह पार्टी के झंडे लहराते दिखाई दे रहे थे, वहीं कुछ लोग ड्रम बजाकर इस माहौल को और खुशनुमा बनाए हुए थे। अध्यक्ष चुने जाने के बाद एमके स्टालिन ने मरीना बीच स्थित अपने पिता की समाधि पर आशीर्वाद लेने भी गए। अपने भाषण के दौरान स्टालिन ने पार्टी अध्यक्ष चुने जाने पर कहा कि ‘मैंने कभी पार्टी का नेतृत्व करने का सपना नहीं देखा था। यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। मैं ये नहीं कहूंगा कि मैं नेतृत्व करुंगा बल्कि हम सब साथ मिलकर करेंगे।’
केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए स्टालिन ने कहा कि आज की राजनैतिक परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण हैं। शिक्षा, कला, साहित्य, धर्म को सांप्रदायिक ताकतों से खतरा है। केन्द्र सरकार न्यायपालिका, गर्वनर के चयन की व्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। ये सब चीजें देश के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के लिए बड़ा झटका हैं। स्टालिन ने कहा कि भाजपा सरकार में राज्य सरकारों के अधिकार भी खतरे में हैं। स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि “पीएम मोदी को सत्ता से उखाड़ फेंको, चलो उन्हें एक पाठ पढ़ाएं।” स्टालिन ने अपने भाई एमके अलगिरी पर परोक्ष रुप से हमला बोला और घोषणा करते हुए कहा कि मेरा कोई भाई नहीं है। बता दें कि एमके अलगिरी ने स्टालिन को दरकिनार कर पार्टी अध्यक्ष पद पर अपना दावा पेश किया था। बहरहाल एमके स्टालिन के पार्टी अध्यक्ष चुने जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें बधाई दी।