केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय ने रविवार को ऐलान किया है कि 101 सैन्य उपकरणों के विदेशों से आयात पर रोक लगेगी। कुछ उपकरणों पर दिसंबर 2020 से ही यह रोक चालू हो जाएगी। वहीं कुछ उपकरणों के आयात पर रोक दिसंबर 2025 से लगेगी। सरकार ने यह कदम देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से उठाया है। जिन रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगी है, उनका अब देश में ही निर्माण किया जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आने वाले 6-7 सालों में करीब 4 लाख करोड़ रुपए के रक्षा उपकरण घरेलू कंपनियों से खरीदे जाने की योजना है। जिन रक्षा उपकरणों का भारत में निर्माण किया जाएगा उनमें आर्टिलरी गन्स, असॉल्ट राइफल, कॉरवेट्स, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच, रडार समेत कई अन्य जरुरी उपकरण शामिल हैं। इनके अलावा व्हील्ड आर्म्ड व्हीकल (AFV) भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
ये है लिस्ट-
रक्षा मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के रक्षा बजट को दो शाखाओं में बांटने का फैसला किया है। जिसके तहत अब घरेलू और विदेशी रक्षा खरीद का बजट अलग अलग होगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 52 हजार करोड़ रुपए का एक अलग बजट घरेलू रक्षा खरीद के लिए रखा गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस फैसले से घरेलू रक्षा उद्योग को बड़ा मौका मिलेगा और वह डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई तकनीक और डिजाइन के आधार पर सुरक्षा बलों की जरुरत के हिसाब से रक्षा उपकरण बना सकेंगे। जिन रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगायी जाएगी, उनकी लिस्ट रक्षा मंत्रालय ने सुरक्षा बलों, सरकारी और निजी कंपनियों के साथ गहन चर्चा के बाद तैयार की है।
