राजीव जैन
राजस्थान में मंत्रियों और जिलों के अफसरों की कार्यशैली से भाजपा सरकार की छवि बिगड़ने लगी है। इस कारण ही भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं में नाखुशी पनपने लगी है। भाजपा के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि नौकरशाह उनकी नहीं सुनते हैं। इससे आम जनता की समस्याएं सुलझ नहीं पा रही हैं। राज्य में डेढ़ साल से शासन चला रही भाजपा सरकार को अब जमीनी हकीकत से रूबरू होना पड़ रहा है।
प्रदेश में भाजपा के विधायकों के साथ ही जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की मंत्रियों और नौकरशाही को लेकर खूब शिकायतें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तक पहुंचने लगी हैं। प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर शुरू किए गए कार्यकर्ताओं के सुनवाई कार्यक्रम में मंत्रियों का सामना ढेरों समस्याओं से हो रहा है। कार्यकर्ताओं की शिकायतों में ज्यादातर तो रोजमर्रा से जुड़ी हैं।
ऐसी समस्याओं के लिए अब भाजपा के लोगों को ही मंत्री स्तर तक गुहार लगानी पड़ रही है। भाजपा का सामान्य कार्यकर्ता ही नहीं प्रदेश के मंत्री और विधायक तक इस सुनवाई में अपनी समस्याएं लेकर आ रहे हैं। इससे ही भाजपा सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली सामने आ रही है। विधानसभा के बजट सत्र में भी भाजपा विधायकों ने मंत्रियों की कार्यशैली को निशाना बनाया था। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को कार्यशैली सुधारने की नसीहत दी थी।
प्रदेश में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश के बाद मंत्रियों ने जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं और अफसरों की बैठकें लेना शुरू किया तो उसमें भी बदतर हालात सामने आ रहे हैं। अलवर जिले की बैठक में तो खाद्य मंत्री हेम सिंह भड़ाना की मौजूदगी में ही बवाल खड़ा हो गया। इस बैठक में विधायकों ने जिले की बदहाल सड़कों का मसला उठाया तो उनकी सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता से भिड़ंत हो गई।
इस बैठक में विधायकों ने अभियंता पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़े। अभियंता ने भी विधायक से कहा कि मेरे तबादले की सिफारिश पर तो आपने भी दस्तखत किए हैं। बूंदी जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में परिवहन राज्य मंत्री बाबूलाल वर्मा को भी खासी खरीखोटी सुनने को मिली। बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिले का परिवहन अधिकारी मंत्री के नाम पर वसूली करता है। इस पर राज्यमंत्री वर्मा ने सफाई दी कि ऐसे अधिकारी को हटाया जाएगा।
प्रदेश में जिलों की नौकरशाही में मध्यम दर्जे के अधिकारियों के भ्रष्टाचार को लेकर भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्रियों को कई शिकायतें दी हैं। इन शिकायतों पर मंत्रियों के गौर नहीं करने से भी पार्टी के अंदर खासी नाराजगी है। करौली जिले में तो घूस के बंटवारे को लेकर जिला परिषद के सीईओ और विकास अधिकारी के बीच जमकर लात-घूंसे तक चले। इस मामले में दोनों अधिकारियों ने एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में मामला भी दर्ज कराया है।
इससे पहले सरकार के राज्यमंत्री जीतमल खांट ने बांसवाड़ा जिला अधिकारियों की बैठक में साफ कहा कि काम नहीं करने वाले अफसरों की वजह से पूरी सरकार की जनता में छवि खराब हो रही है। इसी बैठक में भाजपा विधायक धनसिंह रावत ने अधिकारियों को रवैया सुधारने की नसीहत तक दी। स्वास्थ मंत्री राजेंद्र राठौड़ के बीकानेर के सरकारी अस्पताल के दौरे में खामियां ही खामियां सामने आई हैं। इससे ही मंत्री के विभाग पर पकड़ नहीं होने की शिकायत साफ हो गई।
भाजपा के वरिष्ठ विधायकों का कहना है कि कार्यकर्ताओं की सरकार में सुनवाई जरूरी है। कार्यकर्ता ही चुनाव में भागदौड़ कर उन्हें सरकार तक पहुंचाता है। वसुंधरा सरकार के कुछ मंत्रियों को छोड़कर ज्यादातर की अपने विभागों में पकड़ तक नहीं है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंत्रियों को हिदायत दी है कि विभागों की विधायक सलाहकार समिति की बैठकें नियमित की जाए। इससे विभागों की कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी। इसके बावजूद मंत्री विधायकों की समितियों की बैठक बुलाने से कतरा रहे हैं।