राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने न्यूनतम मजदूरी 26 रुपये प्रतिदिन बढ़ा दी है। सरकार ने प्रत्येक वर्ग के लिए न्यूनतम मजदूरी की दरों में 26 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह घोषणा 1 जनवरी, 2023 से प्रभावी होगी। राजस्थान सरकार इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लगातार कई फैसले ले रही है। 

क्या है गहलोत सरकार की इस घोषणा में? 

मुख्यमंत्री  की मंजूरी के बाद अब अकुशल श्रमिक को 259 रुपये के बजाय 285 रुपये प्रतिदिन या 7410 रुपये प्रतिमाह, अर्द्धकुशल श्रमिक को 271 रुपये के स्थान पर 297 रुपये प्रतिदिन या 7722 रुपये प्रतिमाह, कुशल श्रमिक को 283 रुपये के स्थान पर 309 रुपये प्रतिदिन या 8034 रुपये प्रतिमाह तथा उच्च कुशल श्रमिक को 333 रुपये के स्थान पर 359 रुपये प्रतिदिन या 9334 रुपये प्रतिमाह मजदूरी प्राप्त होगी। न्यूनतम मजदूरी में 7 रुपये की आखिरी बढ़ोतरी 1 जुलाई, 2021 को लागू की गई थी।

राजस्थान की कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना के तहत पंजीकृत बीमित कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवारों को भी ईएसआई श्रेणी के तहत मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत, लगभग 1.44 करोड़ परिवार 25 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है।

मजदूरों और कामगारों के आर्थिक फायदे को देखते हुए बढ़ी हुई मजदूरी की दरों को 2 जनवरी, 2023 से प्रभावी किया जाएगा। श्रम विभाग की ओर से न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत 56 नियोजनों में न्यूनतम मजदूरी की वर्तमान में प्रभावी दरों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में जुलाई, 2021 से दिसम्बर, 2022 तक हुई 687 अंकों की वृद्धि के अनुसार प्रतिदिन 26 रुपये का इजाफा करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा था।

आधिकारिक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआई) के तहत पंजीकृत बीमित कर्मचारियों और उनके परिवारों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा में शामिल करने की मंजूरी दे दी है।

एक और फैसले मे छह राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। गहलोत सरकार ने इन स्कूलों के लिए 78 नये पद बनाने को भी मंजूरी दी है।