भारतीय वायु सेना का MIG-21 विमान राजस्थान के जैसलमेर के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान के पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा की हादसे में मौत हो गई है। जैसलमेर पुलिस का कहना है कि विमान क्रैश होने की घटना शुक्रवार देर शाम को हुई। हादसे का पता चलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गईं। वायु सेना को इसकी इत्तला दे दी गई है।

भारतीय वायुसेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट के अनुसार- शुक्रवार रात लगभग साढ़े आठ बजे भारतीय वायुसेना का मिग-21 विमान पश्चिमी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायुसेना के अनुसार, यह विमान प्रशिक्षण उड़ान पर था। दुर्घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। पायलट की मौत पर वायु सेना ने गहरा शोक जताया है।

वहीं जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने विमान दुर्घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि लड़ाकू विमान सम के रेतीले धोरों में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। उनका कहना है कि विमान सुदासरी के निकट रेतीले टीलों में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। पुलिस को रात लगभग साढ़े आठ बजे इस दुर्घटना की जानकारी मिली। उसके बाद तुरंत ही पुलिस दल घटनास्थल पर पहुंच गया था।

ध्यान रहे कि भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का बीती आठ नवंबर को ऐसे ही हादसे में निधन हो गया था। तमिलनाडु के कुन्नूर में उनका हेलिकॉप्टर एमआई-17 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी।

भारतीय वायुसेना ने पहली बार 1960 में मिग-21 विमानों को अपने बेड़े में शामिल किया था। इसे रूस ने 1959 में बनाना शुरु किया था। मिग-21 एक हल्का सिंगल पायलट लड़ाकू विमान है। तकरीबन 2 किमी तक की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम एयर क्राफ्ट आसमान से आसमान में मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ बम ले जा सकने में भी सक्षम है। 1965 और 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में मिग-21 विमानों का इस्तेमाल हुआ था।

मिग-21 के साथ हो रहे लगातार हादसों की वजह से इसे फ्लाइंट कॉफिन कहा जाने लगा है। 1971 से अप्रैल 2012 के दौरान 482 मिग एयरक्राफ्ट हादसे का शिकार हुए। इनमें 171 पायलट, 39 सिविलियनों के साथ 8 सर्विस पर्सनल की जान गई। NDTV की खबर के मुताबिक सरकार ने 2012 में संसद में ये जानकारी दी थी। हादसों की वजह मानवीय भूल के साथ तकनीकी खामियां भी बताई गई हैं।