मीटू कैम्पेन के चलते मंत्री पद गंवाने वाले एमजे अकबर ने दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकार प्रिया रहमाने के खिलाफ बयान दर्ज कराया है। कोर्ट ने 12 नवंबर को सुनवाई की तारीख दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि इस सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान रिकॉर्ड होंगे। बता दें कि पत्रकार प्रिया रमानी ने #MeToo अभियान के दौरान एमजे अकबर पर 20 साल पहले के एक मामले में यौन शोषण का आरोप लगाया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट समय विशाल ने वरिष्ठ वकील गीता लथूरा की याचिका को संज्ञान में लिया है। गीता अकबर की वकील हैं और उनका दावा है कि प्रिया रमानी के एक के बाद एक कई ट्वीट से पूर्व विदेश राज्यमंत्री अकबर की छवि धूमिल हुई है।

यौन शोषण के आरोपों से घिरे अकबर ने 17 अक्टूबर को विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने यह कदम उठाया था। इस्तीफे के कुछ देर बाद उनके त्याग-पत्र की प्रति भी सामने आई थी, जिसके जरिए उन्होंने अपनी बात रखी थी।

इस्तीफे के बाद उनके बयान में कहा गया था, “यौन शोषण के आरोपों का सामना करने के लिए मैंने कानूनी मदद का सहारा लेने का फैसला किया। ऐसे में मैं पद छोड़कर इन बेबुनियाद और मनगढ़ंत आरोपों का सामना करूंगा। मैं पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया।”

पूर्व विदेश राज्य मंत्री पर 20 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इनमें से ज्यादातर घटनाएं तब की बताई जा रही हैं, जब अकबर अंग्रेजी अखबार एशियन एज में संपादक हुआ करते थे। पीड़िताओं में उनके खिलाफ खुलकर आवाज बुलंद करने वाली प्रिया ही थीं, जिनके खिलाफ अकबर ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।