पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की और जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश किया। सत्ता संभालने के साथ ही महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बन जाएंगी। इस बीच नई दिल्ली में शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथों लिया और कहा कि वे भाजपा के साथ अपनी पार्टी के समझौते पर स्थिति स्पष्ट करें। शनिवार को महबूबा ने नई सरकार के गठन के लिए समर्थन दिए जाने पर भाजपा का शुक्रिया अदा किया। महबूबा ने कहा कि उनकी नई सरकार का पूरा जोर जम्मू कश्मीर में शांति, सुलह और विकास पर होगा। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय की जा रही है।
भाजपा विधायी दल के नेता निर्मल सिंह ने भी राज्यपाल से भेंट की और अगली सरकार के गठन के लिए महबूबा मुफ्ती को भाजपा के समर्थन का पत्र सौंपा। इस बीच पीडीपी ने इन अफवाहों को बेबुनियाद बताया कि नई सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर भाजपा और पीडीपी में मतभेद हैं। पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा, ‘(भाजपा और पीडीपी के बीच) कोई मतभेद नहीं हैं। ऐसे समय पर जबकि सरकार गठन का काम चल रहा है यह अफवाहें (कि विभागों के बंटवारे को लेकर मतभेद हैं) बेबुनियाद हैं।’ यह पूछे जाने पर कि शपथ ग्रहण समारोह कब होगा, उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां मिल बैठकर इस बारे में तारीख तय करेंगी। भाजपा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से यह फैसला किया था कि वह पीडीपी के साथ मिलकर कश्मीर में सरकार बनाएगी और पीडीपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती का समर्थन करेगी।
उधर नई दिल्ली में शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथों लिया और कहा कि वे भाजपा के साथ अपनी पार्टी के समझौते पर स्थिति स्पष्ट करें। आप ने साथ ही महबूबा को चुनौती दी कि वे संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की राष्ट्र विरोधी के तौर पर सार्वजनिक रूप से निंदा करें। आप नेता कुमार विश्वास ने महबूबा को लिखे एक खुले पत्र में उनसे कहा कि वे स्वयं की पूर्व में अफजल गुरु को शहीद बताने की गलती स्वीकार करें क्योंकि इससे भाजपा-पीडीपी समझौते को लेकर गलतफहमी दूर करने मदद मिलेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया कि महबूबा जी को भाजपा के साथ इस समझौते पर अपना रुख सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना चाहिए।
विश्वास के पत्र में कहा गया है- हमें सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि आपने देशद्रोही अफजल गुरू पर अपना रुख बदल लिया है। गठबंधन की शर्तों के मुताबिक अब आप उसे एक राष्ट्र विरोधी मानती हैं और आपको अपने पुराने रुख पर खेद है। यह सराहनीय है और हम इसकी प्रशंसा करते हैं। आप ने यह आरोप लगाया कि जेएनयू में ‘राष्ट्रविरोधी’ नारे लगाने वाले कश्मीरी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई महबूबा के चलते रोक दी गई थी। आप ने उम्मीद जताई कि राज्य में सरकार गठन के बाद वे उन्हें गिरफ्तार करेंगी या केंद्र को ऐसा करने में मदद करेंगी।
आप ने कहा- आप (महबूबा) अब हमारे जैसे देशभक्तों की तरह कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मानती हैं। हम इन शर्तों के तहत भाजपा के साथ सरकार बनाने हेतु आगे बढ़ने के लिए आपको बधाई देते हैं। कृपया मीडिया के सामने यह स्पष्ट कर दें कि अफजल गुरू को शहीद कहना आपकी गलती थी और आप उसे राष्ट्र विरोधी मानती हैं जैसा हम मानते हैं।