मेघालय में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। मेघालय में कांग्रेस के चार में से तीन विधायक नेशनल पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गए हैं। इससे विधानसभा में नेशनल पीपुल्स पार्टी को अकेले दम पर बहुमत मिल गया है। कांग्रेस के तीन विधायक सेलेस्टाइन लिंगदोह, चार्ल्स मर्गनेर और गेब्रियल वहलांग सोमवार को मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की उपस्थिति में आधिकारिक तौर पर एनपीपी में शामिल हो गए। इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विंसेंट पाला ने विधायकों के दल बदलने की आशंका जताते हुए तीनों को बैठक के लिए बुलाया था। गेब्रियल वहलांग और चार्ल्स मर्गनेर तो बैठक में शामिल नहीं हुए लेकिन सेलेस्टाइन लिंगदोह शामिल हुए थे। इसके बाद नोंगस्टोइन से विधायक गेब्रियल वहलांग और मव्हती से विधायक चार्ल्स मर्गनेर को बाद में पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया।
मेघालय के विधानसभा अध्यक्ष थॉमस संगमा ने अधिसूचित किया कि तीन विधायकों के कदम को दलबदल नहीं बल्कि विलय के रूप में अनुमति दी गई थी, क्योंकि कांग्रेस के दो-तिहाई से अधिक विधायक एनपीपी में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ”कांग्रेस विधायकों का हमारी पार्टी में शामिल होना हमारी सरकार में विश्वास का सच्चा प्रदर्शन है। कांग्रेस विधायकों के एनपीपी में विलय से 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में हमारी ताकत बढ़कर 31 हो गई है।”
लोकसभा चुनाव में NPP की हुई थी हार
यह एनपीपी के लिए काफी महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। हाल के लोकसभा चुनावों में मेघालय की दो लोकसभा सीटों में से एनपीपी एक भी नहीं जीत पाई थी। पार्टी तुरा लोकसभा सीट जिसका प्रतिनिधित्व (1989 और 1991 के बीच दो साल के अलावा) 1977 से संगमा के परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाता था, वह कांग्रेस से हार गई।
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वहीं एनपीपी शिलांग लोकसभा सीट पर सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने में भी विफल रही, जिस पर तीन बार से कांग्रेस का कब्जा था। इसके बजाय उभरती हुई क्षेत्रीय पार्टी वॉयस ऑफ पीपुल्स पार्टी ने इसपर जीत हासिल करने में कामयाब रही।
तीन विधायकों का यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एनपीपी को सरकार में काफी मजबूत स्थिति में रखता है। पिछले साल के राज्य चुनावों के बाद गठबंधन बनाने के बाद ही एनपीपी की सरकार बन पाई थी। चुनाव के बाद एनपीपी ने 26 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, और 11 विधायकों के साथ यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, दो विधायकों के साथ पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, दो विधायकों के साथ भाजपा और दो विधायकों के साथ एचएसपीडीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाई थी। अब एनपीपी सदन में अकेले बहुमत में है। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के एकमात्र सदस्य माइलीम विधायक रोनी लिंगदोह हैं।
