CAA Protest: उत्तर प्रदेश के मेरठ (शहर) के एसपी अखिलेश एन सिंह ने CAA के खिलाफ जारी हिंसक प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों को ‘पाकिस्तान जाने’ के लिए कहा था, जिसके बाद इस मुद्दे पर विवाद हो गया है। लसारी गेट के सादिक नगर के एक निवासी, जहां एसपी का वीडियो शूट किया गया था ने कहा कि पुलिस की इस तरह की टिप्पणी से डर का माहौल है। लोगों ने कहा, “यहां हमारा पूरा जीवन” बिताने के बाद ऐसी टिप्पणी से अपमानित महसूस कर रहे हैं। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी (AMU) हिंसा मामले में 1000 अज्ञात छात्रों पर भी यूपी पुलिस द्वारा एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है।

खौफ में मेरठ के लोग: लसारी गेट के सादिक नगर के एक निवासी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा, “यह हमारा घर है; उन्होंने हमें बाहरी लोगों की तरह महसूस करवाया, हममें से कोई भी हिंसा नहीं चाहता, हिंसा से डर लगता है।” एक दूसरे व्यक्ति ने कहा, “लोग दोपहर 1.15 बजे के आसपास मस्जिद से बाहर आ रहे थे, जब हमने देखा कि 10-15 पुलिस अधिकारी गली में प्रवेश कर रहे थे और सभी को गालियां दे रहे थे। पुलिस का यह कहना गलत है कि वे प्रदर्शनकारी थे। वे (पुलिस) हमें डराना चाहते थे।”

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एसपी ने धमकाया था: घटना वाली जगह के लोगों ने कहा कि एसपी ने जिन तीन लोगों को संबोधित किया था उनके नाम फुरकान, हाजी अनवार और इकबाल हैं। तीनों ही कॉलोनी के निवासी हैं और उस समय वह नमाज के लिए जा रहे थे। फुरकान और इकबाल कपड़े का बिजनेस करते हैं और हाजी अनवर चमड़े के आयात और निर्यात का काम करते हैं। एक निवासी ने कहा कि वीडियो के सामने आने के बाद, तीनों ने ही पुलिस के डर से लोगों से मिलना जुलना और बातचीत को सीमित कर दिया।

हाजी के एक पड़ोसी ने कहा कि इन तीनों का विरोध- प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है। वे केवल वहां खड़े थे, जब पुलिसकर्मी ने उनसे इस तरह बात की थी … हम शांति बनाए हुए हैं। चूंकि वे वीडियो में दिखाई दे रहे हैं, उन्हें लगता है कि पुलिस उन्हें फिर से निशाना बना सकती है।

यूपी पुलिस का एक्शन: नागरिकता कानून के खिलाफ 15 दिसंबर को एएमयू में बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन किया था। देखते ही देखते ये प्रदर्शन हिंसक हो गया और एएमयू गेट तोड़ दिया गया था। जिसपर यूपी पुलिस और AMU छात्र संघ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। इसे लेकिन अब अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुल्हारी ने बताया कि 1000 अज्ञात छात्रों के खिलाफ हिंसा मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस ने दी सफाई: मेरठ एसपी के वायरल वीडियो पर ADG प्रशांत कुमार ने कहा कि एसपी के शब्दों का चयन और भी बेहतर हो सकता था। हालांकि बाद में उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा के दौरान पुलिस अधिकारियों ने बहुत संयम दिखाया और न ही प्रदर्शनकारियों पर न तो गोली चलाई गई और न ही फायरिंग की गई। उन्होंने वीडियो के जारी होने के समय पर सवाल उठाया। और कहा, ‘भारत विरोधी नारे और पड़ोसी देश के प्रति सहानुभूति रखने वाले नारे लगाए गए।’ खुद मेरठ एसपी ने भी कहा कि चार से पांच युवक पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।