नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश भर में विरोध- प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच यूपी में भी कई जगहों पर हिसंक प्रदर्शन हुआ। जिसको लेकर अब मेरठ पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें दिख रहा है कि कथित प्रदर्शनकारियों ने किस तरह से मेरठ में तांडव मचाया था। पुलिस ने बताया कि वीडियो में कुछ आक्रोशित प्रदर्शनकारी सीधे पुलिस फ़ोर्स पर फायरिंग कर रहे थे।

छह लोगों की गोली लगने से मौत हुई: छह लोगों की गोली लगने से मौत हुई: बताया जा रहा है कि यह वीडियो 20 दिसंबर का है, जिस दिन मेरठ में CAA के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था। घटना मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र की है। जुमे की नमाज के बाद उपद्रवी एकदम से सड़कों पर आ गए और फिर हिंसा भड़क उठी।  प्रदर्शनकारियों ने लाखों रुपये की सरकारी संपत्ति का नुकसान कर दिया था। इस दौरान दर्जनभर से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। जबकि छह लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी। हालांकि पुलिस के इस वीडियो ने नई बहस छेड़ दी है, कि कैसे उपद्रवी गोलियां चला रहे हैं।

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वीडियो की मदद से आरोपियों की कर रही है पहचान: बता दें कि हिंसा से जुड़े वीडियो अब बाहर आने लगे है। जिसे मेरठ पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदर्शन के दौरान जिन लोगों की मौत हुई है वह पुलिस की गोली से नहीं बल्कि प्रदर्शनकारियों द्वारा चलाई गई गोली से मरे है। पुलिस इस वीडियो की मदद से आरोपियों की पहचान करने में जुट गई है।

पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार:  बताया जा रहा है कि इस हिंसा को भड़काने के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) का हाथ था। पुलिस ने एसडीपीआई के अध्यक्ष नूरहसन और उसके ड्राइवर मुईद हाशमी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने नूरहसन के पास से भड़काऊ और आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की है। पुलिस के अनुसार इसका खुलासा कॉल रिकांर्डिग से हुआ है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

परिजनों से मिलने पहुंचे थे जंयत चौधरी: गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान मुजफ्फरनगर और मेरठ में भड़की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने बुधवार (25 दिसंबर) को RLD नेता जयंत चौधरी पहुंचे थे। जिन्हें पुलिस ने मेरठ जाने से पहले ही रोक लिया।