भारत ने सोमवार को भारत में अल्पसंख्यकों से जुड़ी कथित घटनाओं पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों को मजबूती से खारिज कर दिया और कहा कि उनका अपना रिकॉर्ड खुद बोलता है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी की टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि भारत सरकार इन आरोपों को खारिज करता है। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी एक ऐसे देश ने की है जिसके यहां मानवाधिकार रिकार्ड बेहद खराब और जगजाहिर है।
‘पाकिस्तान ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा’
जयसवाल ने कहा कि पाकिस्तान अपने देश में अल्पसंख्यकों पर लंबे समय से जुल्म करता रहा है, जो बहुत गंभीर है। पाकिस्तान बेबुनियाद आरोप लगाकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा।
उन्होंने कहा, हम उस देश की कथित टिप्पणियों को खारिज करते हैं, जिसका रिकार्ड खुद ही सबकुछ बयां करता है। पाकिस्तान में विभिन्न धर्मों के अल्पसंख्यकों का भयावह और सुनियोजित उत्पीड़न एक तथ्य है। किसी भी तरह से एक-दूसरे पर आरोप लगाने से यह सच्चाई छिप नहीं सकती।”
पाकिस्तान ने कही थी ये बात
सोमवार को पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली हाल की घटनाओं (क्रिसमस से संबंधित तोड़फोड़ और मुसलमानों पर हमले शामिल हैं) पर ध्यान देने और कमजोर समूहों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने का आह्वान किया।
पिछले माह भी पाकिस्तान ने दिया था ये बयान
पिछले माह पाकिस्तान ने राम मंदिर में ध्वजारोहण कार्यक्रम पर आपत्ति जताई थी, इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। भारत ने इस टिप्पणी को राजनीतिक रूप से प्रेरित और अस्वीकार्य बताया था और कहा था कि भारत के अंदरूनी मामलों में टिप्पणी करने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है।
जयसवाल ने कहा था, “हमने उन टिप्पणियों को देखा है और उन्हें पूरी तरह खारिज करते हैं। हम उस देश के रूप में जिसका इतिहास कट्टरता, दमन और अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार से कलंकित है। पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है।
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