केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर विदेश दौरे से वापस भारत लौट आए हैं। बता दें कि एमजे अकबर पर 9 महिला पत्रकारों ने यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं। जिसके बाद एमजे अकबर विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं। हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही एमजे अकबर को पत्रकारों ने घेर लिया और उन पर सवालों की झड़ी लगा दी। हालांकि इस दौरान एमजे अकबर मीडिया के सभी सवालों से बचते नजर आए और सिर्फ इतना कहा कि ‘वह बाद में बयान देंगे।’
उल्लेखनीय है कि इन दिनों भारत में #Me Too मूवमेंट ने जोर पकड़ा हुआ है। इस मूवमेंट में महिलाएं अपने साथ हुई छेड़छाड़ की घटनाओं का सोशल मीडिया पर खुलासा कर रही हैं। इसी खुलासे के दौरान 9 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर के संपादक रहने के दौरान छेड़छाड़ करने के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद विपक्षी पार्टियां एमजे अकबर के मुद्दे पर सरकार पर हमलावर हो गई हैं और एमजे अकबर पर इस्तीफे का दबाव बना रही हैं। चूंकि अकबर सरकारी दौरे पर विदेश गए हुए थे और अब वापस लौटे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार भी बढ़ते हंगामे के चलते एमजे अकबर से आरोपों पर सफाई मांग सकती है।
#WATCH Delhi:Union Minister MJ Akbar returns to India amid accusations of sexual harassment against him, says, “there will be a statement later on.” pic.twitter.com/ozI0ARBSz4
— ANI (@ANI) October 14, 2018
ऐसी खबरें हैं कि भाजपा के कुछ नेताओं का मानना है कि एमजे अकबर पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं और केन्द्रीय मंत्री के तौर पर उनकी जगह अब सुरक्षित नहीं है। अब चूंकि आगामी लोकसभा चुनाव भी नजदीक है तो पार्टी भी ऐसी किसी स्थिति में नहीं फंसना चाहती, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां कोई मुद्दा बनाएं। बीते गुरुवार को केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी अपने एक बयान में कहा कि यौन शोषण पीड़िताओं को खुलकर बोलने में नहीं शर्माना नहीं चाहिए। हालांकि इस दौरान उन्होंने एमजे अकबर का नाम नहीं लिया। केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले भी एमजे अकबर पर लगे आरोपों के सच पाए जाने पर इस्तीफा देने की बात कह चुके हैं। एमजे अकबर पर बीते 8 अक्टूबर को पत्रकार प्रिया रमानी ने छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे, जिसके बाद एक-एक कर 9 महिला पत्रकार एमजे अकबर के खिलाफ खड़ी हो गईं।