अयोध्या में जल्द से राम मंदिर का निर्माण हो इसके लिए एमबीए छात्र अमित प्रताप (26) जौनपुर से करीब 160 किलोमीटर का सफर तय कर विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा में शामिल होने के लिए रविवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने बताया कि अगर मंदिर और नौकरी में किसी एक को चुनने के लिए कहा गया तो वह बिजनेस मैनेजमेंट में काम की जगह राम जन्माभूमि आंदोलन के लिए काम करना पसंद करेंगे। धर्म सभा के माध्यम से राम जन्माभूमि मुद्दे पर युवाओं का समर्थन हासिल करने के संघ परिवार सभा में बड़ी संख्या में युवाओं का साथ हासिल करने में काफी हद तक सफल रहा।

अमित ने कहा कि उन्होंने धर्म सभा में संतों के भाषणों को सुना और पॉकेट डायरी में उन सब बातों को नोट किया जो उन्हें पसंद आईं। अमित ने बताया, ‘धर्म उन लोगों की रक्षा करता है जो उसको बनाए रखते हैं या धर्म की रक्षा करते हैं। मैं हिंदू हूं और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण आवश्यक है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हिंदुओं को सरकार और न्यायपालिका के सामने अपनी ताकत दिखानी है। इसी कारण से मैं यहां आया हूं।’ अमित बताते हैं कि उनके पिता कंस्ट्रक्शन मटेरियल का बिजनेस करते हैं और परिवार के लिए प्रर्याप्त कमा लेते हैं।

एमबीए छात्र के मुताबिक, ‘अगले साल एमबीए कंप्लीट करने के बाद अगर मेरा परिवार जोर देता है तो नौकरी की तलाश कर सकता हूं। मगर अगर कोई ऐसा मौका आया जब मुझे राम मंदिर के लिए आंदोलन और नौकरी में से किसी एक को चुनना पड़ा तो मैं निश्चित रूप से पहले वाले को पसंद करुंगा। हमारे लिए यह शर्म की बात है कि भगवान राम के जन्म स्थान पर ही राम मंदिर नहीं है।’

बता दें कि धर्मसभा में भाग लेने वाले दो ‘बाल स्वंयसेवक’ अमित सिंह और अभय कुमार भी थे। 16 साल के दोनों युवा फतहपुर से बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे। 9वीं क्लास में पढ़ने वाले अमित सिंह ने बताया, ‘हमारे जिला प्रचार ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए धर्म सभा होनी है। इसलिए हम करीब 200 लोग तीन बसों में यहां आए। इन बसों का इंतजाम आरएसएस और बीएचपी सदस्यों ने किया।’

अमित से जब उनके भविष्य की योजनाओं पर पूछा तो बताया, ‘मैं अपनी पूरी जिंदगी राम जन्मभूमि आंदोलन को समर्पित करना चाहता हूं। मैं ग्रेजुशन करने के बाद औपचारिक रूप से आएएसएस में शामिल हो जाऊंगा और संघ जो भी काम मुझे सौंपता है उसे करूंगा। राम मंदिर मेरी प्रार्थमिकता है, क्योंकि नौकरी करके में सिर्फ अपने परिवार के लिए रोटी कमाऊंगा। मगर राम मंदिर निर्माण से पूरा समाज समृद्ध होगा और अयोध्या में बहुत से लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा।’