बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के मुद्दे पर भावुक होने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मोदी के भावुक होने को ब्लैकमैल करने का जरिया बताया। उन्होंने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ”पीएम मोदी का बार बार इमोशनल होना, आंसू बहाना, ये पब्लिक को ब्लैकमैल करना नहीं हुआ तो क्या हुआ? पीएम ने अपना घर-परिवार देश के लिए छोड़ा है यह अच्छी बात है, पर इसका यह मतलब नहीं के वो देश के लोगों को परेशान करें।” बसपा सुप्रीमो ने नोटबंदी के फैसले की गोपनीयता पर सवाल करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के चेहरों पर कोई चिंता नहीं दिख रही है। उन्हें काले धन को ठिकाने लगाने के लिए पर्याप्त समय दिया गया। बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की लाइनों के संबंध में उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में यदि देश का माहौल बिगड़ता है और दंगे फसाद होते हैं तो इनके जिम्मेदार पीएम मोदी खुद ही होंगे।
नोटबंदी पर बसपा के रूख को साफ करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राजनीतिक फायदे के लिए नहीं बल्कि देशहित में नोटबंदी का विरोध कर रही है। केंद्र सरकार के इस फैसले से कोई फायदा नहीं है। इससे केवल आर्थिक आपातकाल आया है और आम आदमी को परेशानी हो रही है। मोदी सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए नोटबंदी का एलान किया। लेकिन अब यह फैसला उल्टा पड़ रहा है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में विपक्ष को संबोधित करने से डर रहे हैं। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा को केवल बसपा से खतरा है। सपा और कांग्रेस ऑक्सीजन पर चल रही है उनसे कोई खतरा नहीं है।
मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर बबुआ कहकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब तक सूबे में मुलायम व उनके बेटे बबुआ का राज होगा जनता खुश नहीं रहेगी। गौरतलब है कि अखिलेश ने पिछले दिनों मायावती को बुआ कहा था।