सिद्दीकी शुक्रवार को अन्य बसपा जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के साथ मायावती से मुलाकात करने के लिए दिल्ली में मौजूद थे। शनिवार सुबह उन्होंने लखनऊ के लिए उड़ान भरी और फिर सीधे बुद्ध विहार पहुंचे। सिद्दीकी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित प्रार्थना में हिस्सा लिया और भगवान बुद्ध को पुष्प अर्पित किए। उन्होंने प्रसाद में मिली खीर भी खाई।
बसपा लखनऊ के जिला संयोजक हरि कृष्ण गौतम में सिद्दीकी के बुद्ध विहार में होने की पुष्टि की, हालांकि उन्होंने साफ कहा कि ये पार्टी का कार्यक्रम नहीं था। बसपा के एक पदाधिकारी ने कहा, “जिन लोगों ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया है, वे पिछले कई सालों से बुद्ध विहार में प्रार्थना करने आते हैं। लेकन अब बसपा सदस्य उनके साथ उनके कार्यक्रमों में शामिल होना चाहते हैं।”
बसपा सूत्रों का कहना है कि मायावती का बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर किसी मुस्लिम को पार्टी प्रतिनिधि के तौर पर भेजना इस बात का संकेत है कि वो चाहती हैं कि मुसलमान और दलित उनकी पार्टी के साथ खड़े हों।
मायावती ने अभी बौद्ध धर्म स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने भगवान बुद्ध के नाम पर एक जिला और विश्वविद्यालय का नामकरण करने के अलावा और भी कई स्मारक बनवाए हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई नफरत और साम्प्रदायिकता के बीच बौद्ध धर्म और प्रासंगिक हो गया है।