लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की करारी हार मिली है। पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन पार्टी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं रही। अब हार के बाद पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने समीक्षा बैठक बुलाई है। यह समीक्षा बैठक 23 जून को होनी है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इस बैठक में मायावती के उत्तराधिकारी रहे आकाश आनंद को नहीं बुलाया गया है।

बसपा की लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली बैठक की जा रही है। इस बैठक में बसपा सुप्रीमों मायावती ने सभी जिलों के जिला अध्यक्ष पार्टी प्रत्याशी और महत्वपूर्ण पदाधिकारी को बुलाया गया है। इस चुनाव में जहां पार्टी को सभी सीटों पर करारी हार मिली है वहीं पार्टी का वोट फीसदी भी अब 10 से नीचे आ गया है। इस चुनाव में बसपा को 9.39 फीसदी वोट मिले हैं। जबकि देश में बसपा को महज 2.04 फीसदी वोट ही मिले हैं।

पार्टी की डुबती नैया को पार लगाने के लिए मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाकर पार्टी के प्रचार का जिम्मा दिया। बीते लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश सपा, कांग्रेस और भाजपा काफी हमलावर भी नजर आ रहे थे। आकाश की जनसभाओं काफी भीड़ भी देखने को मिल रही थी कि बीच में ही मायावती ने आकाश को चुनाव प्रचार से हटा दिया।

साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव से ही बसपा शुरू हुई है जो इस चुनाव में भी देखने को मिला। 2014 के चुनाव में भी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इतना ही नहीं 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा को महज 19 सीटें प्राप्त हुई। हालांकि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा। इस गठबंधन ने बसपा को बहुत फायदा पहुंचाया। इस चुनाव में बसपा ने 0 से उठकर 10 नंबर पर पहुंच गई यानी की पार्टी के 10 प्रत्याशी लोकसभा पहुंचे थे। लेकिन फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी तरह विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पार्टी के खाते में महज 1 सीट आई। इसके हाल ही में बीते लोकसभा चुनाव में भी बसपा खाता नहीं खोल पाई है।