मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद मामला बड़ा विवाद भी पैदा कर सकता है। ये मामला लाखों करोड़ों लोगों से जुड़ा है। जिला कोर्ट के बजाए इलाहाबाद हाईकोर्ट इसकी सुनवाई करे तो काफी अच्छा रहेगा। ये बात सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कही। हालांकि टॉप कोर्ट ने इस मामले में अभी कोई फैसला नहीं दिया कि कौन सी जगह पर विवाद की सुनवाई की जाए। लेकिन इस मसले में अपनी राय जरूर दी।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच उस रिट पर सुनवाई कर रही थी जिसमें शादी ईदगाह मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट के उस फैसले का विरोध किया है जिसके तहत मामले से जुड़े सारे सूट इलाहाबाद ट्रांसफर कर दिए गए। मस्जिद कमेटी का कहना है कि हाईकोर्ट का ये फैसला ठीक नहीं है। इस मामले में कई सूट दायर किए गए हैं। इनमें से एक वो भी है जिसमें कहा गया है कि मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्णाण किया गया था। लिहाजा अदालत आदेश दे कि जबरन खड़े किए गए ढांचे को तुरंत प्रभाव से हटा दिया जाए।

विवाद का लंबित रहना ठीक नहीं- बोला सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस विवाद का लंबित रहना खतरनाक है। ये समाज में तनाव पैदा कर सकता है। उनका सवाल था कि क्या सभी पक्षों के लिए ठीक नहीं रहेगा कि इसकी सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में की जाए। उनका कहना था कि किसी को तो अपना दिमाग एप्लाई करना होगा। बेंच ने कहा कि आखिर में फैसला तो उन सवालों की तह में जाकर होगा जो बुनियादी हैं। हमें लगता है कि ये सभी पक्षों के लिए ठीक रहेगा कि हाईकोर्ट में ही इसकी सुनवाई हो।

जस्टिस कौल बोले- हम मामले की सुनवाई के लिए गाइडलाइड तय करेंगे

शाही ईदगाह मस्जिद की याचिका पर सुनवाई को तीन सप्ताह के लिए टालते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की रजिस्ट्री उन्हें सारे सूट का मजमून भेजे जो मथुरा विवाद में दायर किए गए हैं। जस्टिस कौल ने कहा कि वो अभी कोई फैसला नहीं दे रहे हैं। लेकिन आगे की सुनवाई में कुछ गाइडलाइन तो जारी करेंगे जिससे सुनवाई निर्बाध हो सके।