इसमें बाजार भी अपना बड़ा खेल रचता है। पिछले साल वेलेंटाइन सप्ताह में हुए कृत्रिम गहनों, ग्रीटिंग कार्ड, टेडी बियर, चाकलेट, फूलों आदि के कारोबार ने व्यापारियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। उसके पिछले दो साल कोरोना की वजह से फीके रहे। इस साल इस कारोबार में और बढ़ोतरी होने के अनुमान हैं। बाजार सज चुके हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, केवल वेलेंटाइन सप्ताह में खासकर भारतीय लोग तीस हजार करोड़ रुपए खर्च करते हैं। 2014 में प्यार के दीवानों ने कुल सोलह हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे। 2015 में इसमें चालीस फीसद की तेजी आई और यह आंकड़ा बढ़कर बाईस हजार करोड़ रुपए का हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत में इस मौके पर शहरों के मुकाबले ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं। कारपोरेट में काम करने वाले या तीस वर्ष से अधिक उम्र के युवा अपने प्यार को रिझाने के लिए एक हजार से पचास हजार रुपए तक खर्च कर देते हैं। वहीं 18-30 साल के युवा पांच सौ से दस हजार रुपए तक खर्च करते हैं।

2015 में ग्रामीण भारत के खर्च में बाईस फीसद की तेजी आई थी, जबकि शहरों में बीस फीसद का उछाल आया था। इस दौरान आनलाइन उपहार देने में भी अच्छी-खासी तेजी देखी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक पच्चीस से पैंतीस साल उम्र की महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अधिक खर्च करती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिलाएं चाकलेट और खिलौनों की जगह दैनिक उपयोग के उपहार ज्यादा पसंद करती हैं।

उन्हें कपड़े और इलेक्ट्रानिक उपकरण ज्यादा पसंद हैं। आजकल लड़कियां ‘कैंडल लाइट डिनर’ की जगह किसी पर्यटन स्थल पर जाना ज्यादा पसंद करती हैं। ऐसे जोड़ों के लिए गोवा, जयपुर, केरल, शिमला, अंडमान, पुदुच्चेरी, धर्मशाला, मनाली पसंदीदा जगहें हैं। इन जगहों के लिए अभी से टिकटें खरीद ली गई हैं।

खास बात यह है इसमें नौकरी-पेशा और छात्र ही जमकर अपनी जेब ढीली करते हैं। मसलन, नौकरीपेशा लोग औसतन एक हजार से पचास हजार रुपए तक की रकम वेलेंटाइन डे के दिन अपने प्यार को खुश करने के लिए खर्च करते हैं, तो छात्र इस मामले में थोड़ा पीछे रह जाते हैं, जो पांच सौ रुपए से दस हजार रुपए तक खर्च करते हैं। प्रेमी-प्रेमिका एक-दूसरे को उपहार देने के लिए औसतन डेढ़ से तीन हजार रुपए तक खर्च करना पसंद करते हैं।

एक आंकड़े के अनुसार वेलेंटाइन सप्ताह के दौरान देश में फूलों का ही कारोबार लगभग पच्चीस करोड़ रुपए का होता है। करीब तेईस फीसद लोग इस अवसर पर गहने उपहार देना पसंद करते हैं। भारतीय पुरुष उपहार के रूप में चांदी के कपलिंक्स और रेशमी टाई लेना पसंद करते हैं, तो महिलाएं गहने और फोन पाकर ज्यादा खुश होती हैं।