लव जिहाद की घटनाओं को लेकर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला में बृहस्पतिवार को प्रस्तावित महापंचायत स्थगित हो गई है। हालांकि प्रशासन के इस फैसले के विरोध में पुरोला व आसपास के कस्बों में बाजार बंद रहे। महापंचायत का आयोजन विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों ने किया था।

उधर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार के लिए कुछ हिदायतें जारी कीं। अदालत का कहना है कि मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार के मद्देनजर कोई हरकत न होने पाए। सोशल मीडिया पर भी दोनों समुदायों के लोग ऐसी हरकत न करें जिससे तनाव बढ़ जाए। चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने खुद मामले की सुनवाई करते हुए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए।

पुरोला में 14 जून से छह दिन के लिए धारा 144 लागू

पुरोला में 14 जून से छह दिन के लिए धारा 144 लागू की गयी है। बीती 26 मई को एक हिंदू लड़की को दूसरे समुदाय के युवक द्वारा भगाने के मामले के सामने आने के बाद से उत्तरकाशी जिले की यमुना घाटी में तनाव पैदा हुआ था। स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिगत पुरोला में तीन पीएसी प्लाटून के 300 जवानों सहित देहरादून से दो पुलिस क्षेत्राधिकारियों तथा एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की तैनाती की है। इसके साथ ही डामटा, ब्रह्मखाल व नगुण बैरियर पर इकट्ठे होकर आवागमन करने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है। नगर पंचायत क्षेत्र में आवगमन के सभी मार्गो पर बैरीकेडिंग के साथ ही पंचायत क्षेत्र में प्रवेश करने वाले हर एक व्यक्ति की जानकारी पुलिस ले रही है।

पुलिस ने लगाए सीमाओं पर बैरियर, रात्रि गश्त बढ़ाई गई

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि क्षेत्र में रात्रि गश्त के साथ ही जिले की सीमाओं पर बैरियर लगा दिए गए हैं और सघन जांच चल रही है। प्रस्तावित महापंचायत के लिए अनुमति देने से इनकार करने के बाद जिला प्रशासन ने पुरोला नगर पंचायत में कानून और शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए 19 जून तक धारा 144 लागू कर दी है।

पिछले करीब एक पखवाड़े से सांप्रदायिक तनाव से जूझ रहे उत्तरकाशी जिले में शांति स्थापित करने को लेकर प्रशासन लगातार आयोजकों को समझाने बुझाने में लगा था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट तक भी पहुंचा। बुधवार को दायर एक याचिका में पुरोला में सामाजिक समरसता को बिगाड़ने से बचाने के लिए लोगों के इकटठा होने पर रोक लगाने की अपील की गई थी।