महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा है कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण कानूनी ढांचे के भीतर ही लागू किया जाएगा और इससे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के मौजूदा आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, “हम एक समुदाय के अधिकार छीनकर दूसरे को नहीं दे सकते। यह न तो सरकार का रुख है और न ही मराठा समुदाय की मांग है।”

मराठा समुदाय को दिया 10% आरक्षण

एकनाथ शिंदे ने कहा, “जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मराठा समुदाय को 10% आरक्षण दिया गया था, जिसका लाभ आज भी मिल रहा है… सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था लेकिन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार इसे बरकरार नहीं रख पाई। मैं मराठा समुदाय से अनुरोध करता हूं कि हम जो भी संभव होगा, जरूर करेंगे… ये लोग (उद्धव ठाकरे) केवल वोट के लिए राजनीति कर रहे हैं। अगर उनमें हिम्मत होती, तो वे मुख्यमंत्री रहते हुए कुछ करते। उन्होंने मराठा समुदाय के लिए क्या किया है? उन्हें मराठा समुदाय पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”

शिंदे ने कहा, “हमने जितना संभव था उतना किया और आगे भी कानूनी दायरे में जो संभव होगा वह करेंगे। यही सरकार का रुख है।” उन्होंने सभी समाजों से सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की।

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पाटिल ने शुरू किया अनिश्चितकालीन आमरण अनशन

मराठा आरक्षण की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल ने मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया है। पाटिल ने कहा है कि जब तक मराठा समाज को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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