महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो गया, जिसमें कम से कम 12 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गये। मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार से गांव में भूख हड़ताल कर रहे थे। शनिवार को NCP प्रमुख शरद पवार अपने आवास से जालना के लिए रवाना हुए। विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद शनिवार को स्थिति नियंत्रण में रही और पुलिस ने 360 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया है।

मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज पर महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर इस आंदोलन को कुचलने के लिए ऐसा किया है। वे मराठों को आरक्षण नहीं दे सकते। उन्होंने चुनाव के दौरान लाभ के लिए मराठा समुदाय को गुमराह किया।

पुलिस का मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

अधिकारियों ने बताया कि अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस ने हवा में गोलीबारी की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की। जालना में पुलिस के मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। जिसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों द्वारा आगजनी करने की बात भी सामने आई है।

शुक्रवार को औरंगाबाद से लगभग 75 किलोमीटर दूर अंबाद तहसील में धुले-सोलापुर मार्ग पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे थे। अधिकारियों ने बताया कि मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे। बात तब बिगड़ी जब चिकित्सकों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की।

हिंसा में करीब 40 पुलिसकर्मी घायल

पुलिस के मुताबिक, हिंसा में करीब 40 पुलिसकर्मी और कुछ अन्य लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कम से कम 15 राज्य परिवहन बसों और कुछ निजी वाहनों में आग लगा दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जालना के गोंडी पुलिस थाने में शुक्रवार को हुई हिंसा में शामिल होने पर लगभग 360 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिनमें से 16 आंदोलनकारियों की पहचान कर ली गई है। अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मी और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की एक कंपनी अब गांव में तैनात कर दी गई है।

आज सुबह अंतरवाली सारथी गांव में पत्रकारों से बात करते हुए विरोध प्रदर्शन के नेता जारांगे ने कहा, ‘‘अब अनशन समाप्त नहीं किया जाएगा। हमारी बहनें और पूरा गांव शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण पर एक समिति बनाई है, लेकिन उसने कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है इसलिए हम आंदोलन कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये गोलियां चलाई गई हैं और हम पर अमानवीय तरीके से लाठियां बरसाई गईं। महिलाओं को भी पीटा गया। क्या हम पाकिस्तानी हैं या उस देश में हमारे रिश्तेदार हैं? उन्होंने गोली क्यों चलाई? हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमें आरक्षण नहीं मिल जाता, मुख्यमंत्री शिंदे चाहे जितनी गोलियां चला लें।’’