नक्सलियों का प्रभाव कम हो रहा है। पिछले चार वर्षों में 18 जिले नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो गए हैं। 2014 में मोदी सरकार के आने से पहले जहां 76 जिले नक्सलियों से प्रभावित थे, उनकी संख्या अब सिमटकर 58 रह गई है। एनडीटी के वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी है कि 2013 में 76 जिले नक्सली गतिविधियों से प्रभावित थे, 2017 में 58 जिले नक्सलियों से प्रभावित रह गए। इससे पता चलता है कि 20 फीसदी हिंसा और 34 फीसदी मौतें कम हुई हैं। बता दें कि नक्सलियों के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले की पड़ताल में पुलिस को पीएम मोदी की हत्या की साजिश का पता चला। पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोपों में कार्रवाई कर जून में कुछ वामपंथी विचारकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को धरा था। उनमें से दिल्ली से गिरफ्तार रोना विल्सन के पास से बरामद सामग्री में पुलिस को एक पत्र मिला था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश को लेकर बात सामने आई थी।
Over the last four years, Maoists activities have shrunk from 76 districts in 2013 to 58 districts in 2017. Incidents of violence reduced by 20% and deaths by 34%. This explains desperation on the part of Maoists sympathisers.
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) August 31, 2018
बीते मंगलवार (28 अगस्त) को पुणे पुलिस ने इस मामले में देश के पांच राज्यों में करीब आठ जगहों पर छापेमारी कर वामपंथी विचारक वरवर राव, अरुण परेरा, गौतम नवलखा, वर्नन गोंजाल्वेज और सुधा भारद्वाज समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर तक उनके घरों में नजरबंद रखने का आदेश दिया था। इन गिरफ्तारियों के विरोध में एक धड़ा खुलकर सामने आता दिखा। एएनआई के मुताबिक शुक्रवार (31 अगस्त) को महाराष्ट्र पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीवी सिंह ने रोना विल्सन के पास से बरामद पत्र में लिखी बातों की जानकारी सार्वजनिक की।
सिंह ने पत्र के हवाले से बताया कि मोदी की हत्या के लिए ग्रेनेड लॉन्चर्स खरीदे जाने की बात की गई थी। पत्र में लिखा गया था, ”मुझे उम्मीद है कि ग्रेनेड लांचर्स की वार्षिक आपूर्ति के लिए आपको 8 करोड़ रुपये की आवश्यकता का विवरण प्राप्त हुआ है। कामरेड किशन और अन्य ने राजीव गांधी की घटना की तरह मोदी राज को खत्म करने के लिए कदम उठाने प्रस्ताव दिया है।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार से विचलिच नक्सली साजिश का यह पत्र पहले भी कोर्ट में पेश किया जा चुका है। वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा साझा किए गए आंकड़ें अगर सही साबित होते हैं तो मोदी सरकार इन्हें चुनावी वर्ष जरूर भुनाना चाहेगी।