PM Modi Mann Ki Baat Radio Programme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से संवाद कर रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर दिल्ली में खादी की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। कनॉट प्लेस में एक ही खादी स्टोर में, एक ही दिन में डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का सामान लोगों ने खरीदा। इस महीने चल रहे खादी महोत्सव में एक बार फिर बिक्री के अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
उन्होंने कहा कि खादी की बिक्री बढ़ने का मतलब है- इसका फायदा शहर से लेकर गांव तक में अलग-अलग वर्गों तक पहुंचता है। इस बिक्री का लाभ हमारे बुनकर, हस्तशिल्प के कारीगर, हमारे किसान, आयुर्वेदिक पौधे लगाने वाले कुटीर उद्योग सबको लाभ मिल रहा है। पीएम ने कहा कि यही तो ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान की ताकत है औऱ धीरे-धीरे आप सब देशवासियों का समर्थन भी बढ़ता जा रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि हर बार की तरह इस बार भी हमारे त्योहारों में हमारी प्राथमिकता ‘वोकल फॉर लोकल’ हो और हम मिलकर उस सपने को पूरा करें, हमारा सपना है ‘आत्मनिर्भर भारत’। इस बार ऐसे प्रोडक्ट से ही रोशन करें जिसमं मेरे देशवासी के पसीने की महक हो, मेरे देश के किसी युवा का टेलेंट हो, उसके बनने में मेरे देशवासियों को रोजगार मिला हो, रोजमर्रा की जिंदगी की कोई भी आवश्यकता हो- हम लोकल ही लेंगे।
आइए आपको बताते हैं ‘मन की बात’ कार्यक्रम की बड़ी बातें
- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 31 अक्टूबर का दिन हम सभी के लिए बहुत विशेष होता है। इस दिन हमारे लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती मनाते हैं। हम भारतवासी उन्हें कई वजहों से याद करते हैं और श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं। सबसे बड़ी वजह है- देश की 580 से ज्यादा रियासतों को जोड़ने में उनकी अतुलनीय भूमिका। पीएम ने आगे कहा, “मैंने पिछले दिनों देश के हर गांव से, हर घर से मिट्टी संग्रह करने का आग्रह किया था। हर घर से मिट्टी संग्रह करने के बाद उसे कलश में रखा गया औऱ फिर अमृत कलश यात्राएं निकाली गईं। देश के कोने-कोने से एकत्रित की गई ये माटी, ये हजारों अमृत कलश यात्राएं अब दिल्ली पहुंच रही हैं। यहां दिल्ली में उस मिट्टी को एक विशाल भारत कलश में डाला जाएगा और इसी पवित्र मिट्टी से दिल्ली में ‘अमृत वाटिका’ का निर्माण होगा।
- ‘मेरा युवा भारत’ पर बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 31 अक्टूबर को एक बहुत बड़े राष्ट्रव्यापी संगठन की नींव रखी जा रही है और वो भी सरदार साहब की जन्म जयंती के दिन। इस संगठन का नाम है- मेरा युवा भारत यानी MYBharat. पीएम ने बताया कि MYBharat संगठन, भारत के युवाओं को राष्ट्र निर्माण के विभिन्न आयोजनों में अपनी संक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देगा। उन्होंने आगे कहा कि ये विकसित भारत के निर्माण में भारत की युवा शक्ति को एकजुट करने का अनोखा प्रयास है। मेरा युवा भारत की वेबसाइट MYBharat भी शुरू होने वाली है। उन्होंने कहा, “मैं युवाओं से आग्रह करूंगा बार-बार आग्रह करूंगा कि आप सभी मेरे देश के नौजवान, आप सभी मेरे देश के बेटे-बेटी mybharat.gov.in पर रजिस्टर करें और विभिन्न कार्यक्रम के लिए साइन अप करें।
- जनजातीय गौरव दिवस के बारे में बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 15 नवंबर को पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा। यह विशेष दिन भगवान बिरसा मुंडा की जन्म-जयंती से जुड़ा है। भगवान बिरसा मुंडा हम सब के ह्दय में बसे हैं। सच्चा साहस क्या है और अपनी संकल्प शक्ति पर अडिग रहना किसे कहते हैं, ये हम उनके जीवन से सीख सकते हैं। भगवान बिरसा मुंडा ने विदेशी शासन को कभी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने ऐसे समाज की परिकल्पना की थी, जहां अन्याय के लिए कोई जगह नहीं थी। वे चाहते थे कि हर व्यक्ति को सम्मान और समानता का जीवन मिले।
- आदिवासी विरासत का जिक्र करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में आदिवासी योद्धाओं का समृद्ध इतिहास रहा है। इसी भारत भूमि पर महान तिलका मांझी ने अन्याय के खिलाफ बिगुल फूंका था। इसी धरती से सिद्धो-कान्हू ने समानता की आवाज उठाई। हमें गर्व है कि जिन योद्धा टंट्या भील ने हमारी धरती पर जन्म लिया। हम शहीद वीर नारायण सिंह को पूरी श्रद्धा के साथ याद करते हैं,जो कठिन परिस्थितियों में अपने लोगों के साख खड़े रहे। पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि वीर रामजी गोंड हों, वीर गुंडाधुर हों, भीमा नायक हों, उनका साहस आज भी हमें प्रेरित करता है। अल्लूरी सीताराम राजू ने आदिवासी भाई-बहनों में जो अलख जगाई, उसे देश आज भी याद करता है। नॉर्थ-ईस्ट में कियांग नोबांग और रानी गाइदिन्ल्यू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों से भी हमें काफी प्रेरणा मिलती है। आदिवासी समाज से ही देश को राजमोहिनी देवी और रानी कमलापति जैसी वीरांगनाएं मिलीं।
- स्वच्छता पर बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भी स्वच्छ भारत और वेस्ट टू वेल्थ की बात आती है तो हमें देश के कोने-कोने से अनगिनत उदाहरण देखने को मिलते हैं। असम के कामरूप में अक्षर फोरम नाम का एक स्कूल बच्चों में सस्टेनेबल डेवलपमेंट की भावना भरने का संस्कार का एक निरंतर काम कर रहा है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी हर हफ्ते प्लास्टिक वेस्ट जमा करते हैं, जिसका उपयोग इको-फ्रेंडली ईटें और चाबी की चेन जैसे सामान बनाने में होता है। यहां स्टूडेंट्स को रिसाइकलिंग और प्लास्टिक वेस्ट से प्रोडक्ट्स बनाना ही सिखाया है। कम आयु में ही पर्यावरण के प्रति ये जागरूकता इन बच्चों को देश का एक कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाने में बहुत मदद करेगी।