मणिपुर हिंसा के दौरान हमले में घायल हुए एक भाजपा विधायक को  सरकार ने दरकिनार कर दिया है, ऐसे दावों को अब मणिपुर सरकार ने नकारा है। हालांकि भाजपा विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे का कहना है कि सीएम एन बीरेन सिंह ने उनके साथ विश्वासघात किया है। यह बात उन्होंने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल से कही है। 

क्या है पूरा मामला? 

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने आज ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में वह भाजपा विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे से बात कर रही हैं, वीडियो में दिखाई दे रहे वाल्टे शदीद बीमार दिखाई दे रहे हैं। फ़िरज़ावल जिले के थानलॉन से तीन बार के विधायक और आदिवासी मामलों के पूर्व मंत्री, वाल्टे पर उस समय हमला किया गया जब मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू ही हुआ था। वह हमले में इतने ज़्यादा घायल हो गए थे कि उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें लकवा भी आ गया। उन पर हमला करने वाले लोगों मे  गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय के लोग शामिल थे। 

स्वाति मालीवाल ने लिखा, “मणिपुर केभाजपा विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे जी से दिल्ली में मिली। इन्हें भीड़ ने बहुत मारा और करंट लगाया जिससे इन्हें Paralysis हो गया। दिल्ली में लाखों रुपये खर्च इलाज चल रहा है। इतने दर्द में भी वो मणिपुर की भलाई के बारे में सोच रहे है। पर इनसे BJP का कोई सीनियर नेता नहीं मिला न किसी ने मदद की। मैंने JP Nadda जी को मदद के लिए पत्र लिखा है।”

सरकार ने क्या कहा है? 

मणिपुर सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि राज्य में हिंसा फैलने के बीच भीड़ द्वारा बेरहमी से हमला किए गए भाजपा विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे को भुलाया नहीं गया है।  

मणिपुर सरकार के प्रवक्ता और सूचना एवं जनसंपर्क (आईपीआर) मंत्री सपम रंजन ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा, “उन्हें भुलाया नहीं गया है, हमें उनकी परवाह है।”

घटना को याद करते हुए मंत्री ने कहा कि विधायक मुख्यमंत्री के बंगले पर बैठक कर रहे थे। उस समय तक राज्य भर में हिंसा बढ़ गई थी और मुख्यमंत्री ने विधायकों को सीएम बंगला नहीं छोड़ने की सलाह दी थी। यहां तक कि वुंगज़ागिन से भी फिलहाल  बंगला नहीं छोड़ने का अनुरोध किया गया था। 

मुख्यमंत्री की सलाह के बाद इम्फाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराए जाने के बाद राज्य ने वाल्टे की स्थिति पर लगातार नजर रखी है। रंजन ने कहा कि जब उनकी हालत गंभीर हो गई तो उन्होंने उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में ट्रांसफर करने के लिए एक एयर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई थी।