Manipur Violence: मणिपुर में पिछले साल हुई हिंसा और उसके बाद से जारी तनाव के बीच अब संवेदनशील इलाकों से असम राइफल्स को हटाकर सीआरपीएफ जवानों की तैनाती का फैसला किया गया है, जिसको लेकर विवाद बड़ा होता जा रहा है क्योंकि राज्य के 10 कुकी और जो विधायकों ने मांग की है कि असम राइफल्स की ही वापस तैनाती की जाए। सरकार के इस फैसले का विरोध जमीनी स्तर पर भी देखने को मिला है। इसके चलते ही इन विधायकों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपनी डिमांड उनके सामने रख दी है।

विधायकों ने पीएम मोदी को लिखे अपने लेटर में मांग की है कि जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के संवेदनशील इलाकों में अभी असम राइफल्स की ही तैनाती रखी जाए और सीआरपीएफ को न उतारा जाए। कुकी-जो विधायकों ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि जब केंद्र सरकार संघर्ष को खत्म करने की कोशिश कर रही है तो ऐसे वक्त में असम राइफल्स को हटाकर ऐसे नए सुरक्षा बलों की तैनाती करना हिंसा को बढ़ा सकता है, क्योंकि सीआरपीएफ अभी इलाके से वाकिफ नहीं है।

संवेदनशील इलाकों से परिचित हैं असम राइफल्स के जवान

बता दें कि पीएम मोदी को लिखा गया ये पत्र ऐसे वक्त में आया है जब खबरें हैं कि सरकार कंगवई और कांगपोकपी इलाकों से असम राइफल्स को हटाकर सीआरपीएफ की तैनाती करने की तैयारी कर रही है। कुकी जो विधायकों ने असम राइफल्स को निष्पक्ष बल बताया है और कहा है कि वे हिंसाग्रस्त इलाकों से परिचित हैं।

विधायकों ने केंद्र सरकार के सुरक्षा बलों में बदलाव करने के फैसले को भयावह बताते हुए कहा है असम राइफल्स को हटाकर सीआरपीएफ को तैनात करना राज्य में हिंसा को बढ़ावा देने की वजह भी बन सकता है। विधायकों ने सरकार के इस फैसले पर आश्चर्य भी जताया है।

जम्मू कश्मीर में तैनाती की चल रहीं खबरें

विधायकों द्वारा पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है और यह सब तब हुआ, जब मीडिया में इस बात पर चर्चा हुई कि बड़ी संख्या में असम राइफल्स के जवानों को राज्य से हटाकर जम्मू में तैनात किया जाएगा।

बता दें कि पिछले कुछ समय से जम्मू कश्मीर में लगातार आतंकी हमले बढ़ रहे हैं। इसको कंट्रोल करने के लिए ही सरकार जम्मू में सैन्य तैनाती बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन इसका अब मणिपुर के विधायकों ने ही विरोध किया है।