मणिपुर में 5 महीने से जारी हिंसा के बीच हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति का मामला भी फंसा हुआ है। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में तीन महीने की देरी के कारण दिल्ली हाई कोर्ट में नियुक्तियों में गतिरोध (Logjam) पैदा हो गया है।
5 जून 2023 को, CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल की सिफारिश की थी। दिल्ली हाई कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में, न्यायमूर्ति मृदुल तीन सदस्यीय उच्च न्यायालय कॉलेजियम का भी हिस्सा हैं जो न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सिफारिशें करता है।
दिल्ली हाई कोर्ट में नियुक्तियों में गतिरोध
सूत्रों के मुताबिक, “यह मूल रूप से दिल्ली हाई कोर्ट में एक गतिरोध है क्योंकि सरकार मणिपुर पर निर्णय नहीं ले सकती है। इसका समाधान होने तक दिल्ली HC कोई नाम नहीं भेज सकता।” सूत्रों ने कहा कि परंपरा के अनुसार, ट्रांसफर आदेश का इंतजार कर रहा न्यायाधीश कॉलेजियम विचार-विमर्श में भाग नहीं लेता है। हाई कोर्ट कॉलेजियम में जस्टिस मृदुल के अलावा दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस मनमोहन भी शामिल हैं।
फरवरी से खाली है मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का पद
जजों की संख्या के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट सातवां सबसे बड़ा न्यायालय है। न्याय विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 अगस्त तक हाई कोर्ट में 60 जजों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 43 जज हैं। 17 रिक्तियों में से छह स्थायी जजों के लिए हैं जबकि 11 अतिरिक्त न्यायाधीशों के लिए हैं। यह पहली बार नहीं है कि मणिपुर हाई कोर्ट में पूर्णकालिक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में देरी हुई है, हालांकि हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति पी संजय कुमार के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त होने के बाद से 6 फरवरी से यह पद खाली है। तब से, जस्टिस एम वी मुरलीधरन मणिपुर हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं।
9 फरवरी को, कॉलेजियम ने मणिपुर HC के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्ति के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर की सिफारिश की थी। हालांकि, जब सरकार ने तीन महीने तक नियुक्ति नहीं की तो जून में कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश करने का फैसला वापस ले लिया।