करीब आठ माह बाद कांग्रेस पार्टी में वापसी के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर इन दिनों कश्मीर में हैं। यहां उन्होंने कहा कि कश्मीर विवाद को समाप्त करने के लिए हुर्रियत को भी सभी वार्ता में शामिल किया जाना चाहिए। मीडिया से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “अगर मैं यहां आ रहा हूं तो इसका मतलब है कि मैं कश्मीरियों को अपना समझता हूं। अगर कोई हमसे अलग होना चाहता है तो हमें उससे भी बात करनी चाहिए। मैं बहुत सारे कश्मीरियों को जानता हूं जो भारत के साथ रहना चाहते हैं। हम पिछले साल मई महीने में यहां आये थे, तो हमने हुर्रियत को दावत दी थी। उसमें बांदे साहब आये थे। हम सबसे मिले। कुछ लोग इस वजह से नहीं आये, क्योंकि उन्हें कैद कर रखा गया था। तब हम यासिन मलिक से नहीं मिल पाये थे। कल हमने एक दोस्त के माध्यम से उन्हें फोन करवाया था, कि मैं अब दुबारा आ रहा हूं। क्या मैं मिल सकता हूं? इस पर उन्होंने कहा कि, ‘मैं आपसे दिल्ली में मिलूंगा, यहां मैं किसी से नहीं मिल रहा हूं।’ मेरा मानना है कि हुर्रियत को भी सभी वार्ता में शामिल करना चाहिए।”

अय्यर ने अनुच्छेद 35-ए का बचाव करते हुए कहा कि, “इस अनुच्छेद को संविधान में बनाए रखने की जरूरत है ताकि कश्मीरियों के बीच भय व्याप्त न हो।” उन्होंने कश्मीर में शांति और प्रगति केंद्र में ‘जम्मू-कश्मीर और भारत-पाक संबंध’ पर बोलते हुए कहा कि, “मैं यह कहता हूं कि हमें अनुच्छेद 35-ए के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए। यह हमारे संविधान में है। किसी को इसे रद्द करने का कोई प्रयास नहीं करना चाहिए। कुछ लोग अनावश्यक रूप से उस मुद्दे को उठा रहे हैं जो किसी के हित में नहीं है।”

 

बता दें कि पिछले साल दिसंबर के समय गुजरात चुनाव से कुछ दिनों पहले पीएम नरेंद्र मोदी को ‘नीच आदमी’ कहा था। जिसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। आठ महीने बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अय्यर की सदस्यता को बहाल कर दिया। दोबारा पार्टी में उनकी वापसी हुई है।