आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से रिश्तों के आरोप में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) गिरफ्तार किए गए एक युवक के पिता ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया है। इसमें उसने बताया है कि आखिरी उसका बेटा कैसेट जिहादी विचारधारा से जुड़ा। इस बयान को सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत दर्ज किया गया है। इसका इस्तेमाल बेटे के खिलाफ कोर्ट में बतौर सबूत किया जाएगा। जानकार मान रहे हैं कि किसी आतंकी घटना की जांच के संदर्भ में ऐसा पहली बार हो रहा है।
सूत्रों ने द संडे एक्सप्रेस को बातचीत में बताया कि 23 साल के तमिलनाडु के रहने वाले कम्प्यूटर इंजीनियर मोहम्मद नसीर को सूडान से बीते साल दस दिसंबर को भारत डिपोर्ट किया गया था। एनआई के मुताबिक, नसीर को सूडान से उस वक्त डिपोर्ट किया गया, जब वह लीबिया जाकर इस्लामिक स्टेट ज्वाइन करने की कोशिश कर रहा था। नसीर आईएस की शुरुआती ट्रेनिंग भी ले चुका है। घटना की जानकारी मिलने के बाद इस युवक के पिता दुबई से फ्लाइट पकड़कर आए और एनआईए अफसरों से मिले। इसके बाद उन्होंने सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत बयान दर्ज कराया।
सूत्रों के मुताबिक, पिता ने अफसरों को बताया कि किस तरह वह अपने बेटे के ‘संदिग्ध बर्ताव’ से चिंतित हो उठे थे। दुबई में मेकैनिक का काम करने वाले मोहम्मद पाकिर के बयान की वजह से उनके बेटे नसीर के खिलाफ मामला मजबूत हुआ है। थंजवुर के रहने वाले नसीर ने 2010 से 2014 के बीच चेन्नई के एमएनएम इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग का कोर्स किया।
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