Karnataka Honey Trap Row: कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने पिछले हफ्ते विधानसभा में आरोप लगाया था कि 48 विधायकों को हनीट्रैप में फंसाया गया है। उन्होंने मंगलवार को गृह मंत्री जी परमेश्वर के सामने एक याचिका पेश कर आरोप लगाया कि उनको भी हनीट्रैप करने की कोशिश की गई थी। इतना ही नहीं उन्होंने इसकी जांच करने की मांग भी की है।
कर्नाटक के गृह मंत्री से मुलाकात से पहले मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करने की बात कही थी। उन्हें लगता था कि बेंगलुरु में उनके आधिकारिक आवास पर आने वालों की सीसीटीवी फुटेज मौजूद है। राजन्ना ने मीडिया से कहा, ‘जब मैंने सबूतों के बारे में बात की, तो मुझे लगा कि सीसीटीवी फुटेज हनीट्रैप करने की कोशिश करने वालों की मौजूद होगी। लेकिन सीसीटीवी नहीं लगे हैं। यह किसी भी मंत्री के आवास पर नहीं लगे हैं।’
हर बार एक अलग महिला के साथ नजर आया शख्स- राजन्ना
राजन्ना ने बताया कि इससे पहले दिन में एक शख्स दो बार उनके बेंगलुरु में मौजूद आवास पर आया था। वह हर बार एक अलग महिला के साथ में आया था। उन्होंने बताया कि दूसरी बार जब वह आया तो उसने एक महिला का परिचय हाई कोर्ट के वकील के तौर पर कराया। राजन्ना ने कहा कि परमेश्वर को लिखे अपने पत्र में उन्होंने पूरी घटना का ब्यौरा दिया है और शिकायत दर्ज करने में देरी के कारणों को भी बताया है।
कर्नाटक आरक्षण मुद्दे पर राज्यसभा में तीखी बहस
उन्होंने कहा कि जांच करने वालों को यह पता लगाना होगा कि क्या दोनों ने खुद ही ऐसा किया या फिर उनके पीछे कोई और था। उन्होंने कहा कि अगर उस व्यक्ति को उनके सामने लाया जाएगा तो वह उसको पहचान जाएंगे। पिछले हफ्ते मंत्री ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में सत्ताधारी और विपक्षी दोनों पार्टियों के 48 विधायक हनीट्रैप में फंसे हुए हैं। इसके बाद सियासी तूफान खड़ा हो गया था। विधानसभा में परमेश्वर ने आश्वासन दिया था कि हाई लेवल जांच का आदेश दिया जाएगा।
पुलिस से गृह मंत्री ने जानकारी इकट्ठा की
मंगलवार को राजन्ना ने कहा कि परमेश्वर ने पुलिस से कथित हनीट्रैप की कोशिश के बारे में जानकारी इकट्ठा की। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से सलाह मशविरा करने के बाद तय करेंगे कि एसआईटी की तरफ से जांच की जाए और डीजी आईजीपी लेवल के अधिकारी द्वारा जांच की जाए। हालांकि, मंत्री ने कथित हनी ट्रैपिंग में शामिल लोगों के खिलाफ सबूतों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि जांच पूरी होने से पहले कुछ भी कहना अटकलबाजी के बराबर है। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि ऐसी गतिविधियां बंद होंगी। ऐसा किसी के खिलाफ नहीं किया जाना चाहिए।’ यह पूछे जाने पर कि राजन्ना द्वारा विधानसभा में मुद्दा उठाए जाने के बाद गृह विभाग ने स्वत संज्ञान लेकर शिकायत क्यों नहीं दर्ज की, परमेश्वर ने कहा कि ऐसा तब तक नहीं किया जा सकता जब तक अध्यक्ष सरकार को इस मुद्दे को उठाने का निर्देश नहीं देते। कर्नाटक में पास हुआ मुस्लिम कोटा