पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राज्य पर भारी भरकम कर्ज की वापसी में ब्याज पर छूट की मांग करेंगी। ममता रविवार शाम दिल्ली पहुंचीं।
दिल्ली जाने से पहले कोलकाता में उन्होंने कहा-‘मैं सोमवार को अपने अधिकारों के लिए प्रधानमंत्री से मिलूंगी। मैं खैरात मांगने दिल्ली नहीं जा रही। राज्य को उसका अधिकार मिलना चाहिए।’ मोदी की घोर आलोचक रहीं ममता राज्य का कर्ज माफ करने की मांग कर सकती हैं जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने लिया था।
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ममता की उनसे यह पहली मुलाकात है। प्रधानमंत्री से मिलने से पहले वे अपनी पार्टी के सांसदों से बात करेंगी। ममता नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुर्इं थीं। यह बैठक मोदी ने बुलाई थी जिसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे।
सूत्रों ने कहा कि ममता 10 मार्च को वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मिल सकती हैं और राज्य के लिए ज्यादा पैसे व कर्ज माफी की मांग कर सकती हैं। राज्य में घोर वित्तीय संकट बना हुआ है। ममता के साथ आए प्रतिनिधिमंडल में वित्त मंत्री अमित मित्रा और मुख्य सचिव संजय मित्रा सहित अन्य लोग हैं। ममात ने कहा-‘हमने साढ़े तीन साल से ज्यादा वक्त तक इंतजार किया और अपने धैर्य की परीक्षा दी है। हमने अब तक एक लाख करोड़ रुपए के कर्ज का पुनर्भुगतान किया है। हमने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें आने तक लंबा इंतजार भी किया।’
मुख्यमंत्री ने पार्टी में कुछ बागी नेताओं को दिए संदेश में कहा-‘जो लोग काम नहीं करते, वे खुद को केवल साजिश में शामिल करते हैं।’