मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के इरादे से बनाया गया आईएनडीआईए गठबंधन लोकसभा चुनाव से पहले ही बिखरने लगा है। इधर, बिहार में नीतीश कुमार आरजेडी का साथ छोड़कर फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले इस सियासी घमासान से विपक्ष में बेचैनी है। विपक्ष गठबंधन को एकजुट रखने में नाकाम रहता है तो यह बहुत बड़ी नाकामी साबित होगी। इससे लोकसभा चुनाव में विपक्ष का बीजेपी को चुनौती देना मुश्किल हो जाएगा। बंगाल में ममता बनर्जी एकला चलो की राह पर हैं तो पंजाब में आम आदमी पार्टी भी साथ नहीं लेना चाहती है। इससे विपक्ष की बेचैनी बढ़ रही है।
‘गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है, राज्य नहीं’
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि गठबंधन राज्य स्तर पर नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर बनाया गया है। उन्होंने कहा, “गठबंधन को बनाने वालों में से एक बिहार के मुख्यमंत्री हैं। गठबंधन की दूसरी निर्माता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। इसलिए वे जानती हैं कि यह एक राष्ट्रीय गठबंधन है। यह ऐसा गठबंधन नहीं है, जिसमें स्थानीय मुद्दों को राष्ट्रीय मुद्दों पर प्राथमिकता दी जाएगी। राष्ट्रीय मुद्दों को प्राथमिकता मिलेगी। हमारे राष्ट्रीय उद्देश्य को प्राथमिकता मिलेगी।”
जयराम रमेश को उम्मीद – साथ आएंगी ‘दीदी’
जयराम रमेश ने कहा कि ममता बनर्जी की प्राथमिकता हमेशा बीजेपी को हराने की रही है। यही कांग्रेस और आईएनडीआईए गुट की भी रही है। कांग्रेस नेता ने कहा, ”अभी हम कोशिश कर रहे हैं भारत जोड़ो न्याय यात्रा फिर से शुरू करें। हमें खुशी होगी, अगर यह संभव हुआ तो भारत जोड़ो न्याय यात्रा में उनकी उपस्थिति हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी…।”
खड़गे बोले- हम एकजुट करने में लगे हैं
उधर, कर्नाटक में कालाबुर्गी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “मुझे जेडीयू के आईएनडीआईए गुट से बाहर निकलने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनके मन में क्या है यह स्पष्ट नहीं है। मैं कल देहरादून जा रहा हूं, फिर दिल्ली जाऊंगा। मैं पूरी जानकारी लूंगा और फिर मैं आपको जानकारी दूंगा। देखते हैं क्या होगा… हमारी कोशिश सभी को एकजुट करने की है।”
खड़गे ने कहा, “मैंने ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव और सीताराम येचुरी से बात की है। अगर हम एकजुट रहे तो तो हम अच्छी टक्कर देंगे और आईएनडीआईए गठबंधन सफल होगा। जो लोग लोकतंत्र को बचाने में रुचि रखते हैं वे अपना मन नहीं बदलेंगे और हमारे साथ रहेंगे।”
हालांकि नीतीश कुमार के एनडीए के साथ जाने और बिहार में आरजेडी का साथ छोड़ने की अटकलों के बावजूद कांग्रेस ने अभी उम्मीद नहीं खोई है। पार्टी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘आईएनडीआईए’ गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान है तथा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे उनसे बातचीत करने के लिए प्रयासरत हैं।