ममता बनर्जी दो दिनों के लिए दिल्ली दौरे पर आई थीं। उन्होंने न केवल विपक्ष के बड़े नेताओं से मुलाकात की बल्कि पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मिलीं। हालांकि इस दौरे को सियासी गोलबंदी का ही नाम दिया गया। उन्होंने कहा कि 2024 में भाजपा के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा। वापस बंगाल जाने से ठीक पहले ममता ने कहा कि दिल्ली दौरा सफल रहा है। विपक्ष के नेताओं का एकजुट होना जरूरी है। मैं कई नेताओं से मिली।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। हमारा नारा है, लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ।’ उन्होंने यह भी कहा कि अगली बार जब वह दिल्ली आएंगी तो एनसीपी नेता शरद पवार से भी मुलाकात करेंगी। ममता ने कहा कि दो महीने के अंतर पर वह दिल्ली आती रहेंगी।
मीडिया से बात करते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ने किसानों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ हमेशा उनका समर्थन है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से वह चिंतित हैं। उन्होंने बंगाल की बाढ़ का जिक्र करके कहा कि वहां बहुत सारे लोगों की मौत हो गई है। इस कठिन परिस्थिति में उनका बंगाल पहुंचना जरूरी है।
बता दें कि ममता बनर्जी ने अपने इस दौरे में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलीं। डीएमके सांसद कनिमोंझी से भी उनकी भेंट हुई।
बंगाल चुनाव के बाद पहली बार ममता बनर्जी पीएम मोदी से भी मिलीं। बाद में उन्होंने कहा कि यह एक अनौपचारिक भेंट थी। ममता बनर्जी से पत्रकारों ने यह भी पूछा कि क्या 2024 में वह विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा रहेंगी. इसपर उन्होंने कहा कि वह कोई ज्योतिषी नहीं हैं। समय आने पर ही इसका फैसला होगा। हालांकि ममता बनर्जी के दौरे की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि पश्चिम बंगाल के चुनाव में उनकी पार्टी के सामने भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।