2024 Election And Leadership Of Mallikarjun Kharge: न्यूज चैनल एबीपी ने सी-वोटर से हाल ही में एक सर्वे करवाया। इसमें यह जानने की कोशिश की गई कि क्या कांग्रेस को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से फायदा पहुंच सकता है। राहुल ने छह सितंबर को दक्षिण भारत से इस यात्रा की शुरुआत की थी।
उस दिन तमिलनाडु में किए गए सर्वे में 59 फीसदी लोगों ने कहा कि वे राहुल गांधी के कामकाज से संतुष्ट हैं। 11 सितंबर को ऐसा कहने वालों का प्रतिशत 63 हो गया था। असंतुष्ट बताने वालों का प्रतिशत क्रमश: 25 और 22 था। छह सितंबर को 16 फीसदी लोगों ने इस सवाल का अनिर्णय वाला उत्तर (कह नहीं सकते) दिया था। 11 सितंबर को ऐसा उत्तर देने वालों की संख्या में एक फीसदी की कमी आ गई थी।
जब केरल में लोगों से यह सवाल किया गया तो वहां लोगों का जवाब कुछ इस तरह था। 10 सितंबर को राहुल गांधी के काम से संतुष्ट होने की बात 56 फीसदी लोगों ने कही, जबकि 14 सितंबर को ऐसा कहने वाले 60 प्रतिशत लोग थे। असंतुष्ट कहने वालों की संख्या क्रमश: 31 और 30 प्रतिशत थी। कह नहीं सकते- यह जवाब देने वाले 10 सितंबर को 13 फीसदी लोग थे, जबकि 14 सितंबर को तीन प्रतिशत कम होकर 10 पर रह गए थे।
बता दें कि यह एबीपी-सी वोटर ओपिनियन पोल 3698 लोगों से बात कर किया गया था। इसमें कई सवाल पूछे गए थे।
एक सवाल यह भी था कि 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष की तरफ से पीएम पद के लिए किस नाम पर सहमति संभव हो सकती है? इसके जवाब में सबसे ज्यादा 23 प्रतिशत लोगों ने राहुल गांधी का नाम लिया था।
29 फीसदी लोगों की राय थी किसी नाम पर सहमति नहीं बनेगी। 18 प्रतिशत ने अरविंंद केजरीवाल, 12 फीसदी ने नीतीश कुमार, 6 प्रतिशत ने ममता बनर्जी और दो फीसदी ने केसीआर का भी नाम लिया। 10 फीसदी लोगों ने कहा कि इन सबसे इतर कोई नेता होगा।
44 फीसदी लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं
बता दें कि नीतीश कुमार खुद को पीएम रेस की दौड़ से बाहर बता रहे हैं, लेकिन वह विपक्षी एकता के लिए सक्रिय हैं। इस मकसद से वह तमाम नेताओं से हाल ही में मिले भी थे। लेकिन एक हालिया एबीपी- सी वोटर सर्वे में 56 प्रतिशत लोगों के हवाले से बताया गया है कि नीतीश कुमार इस कोशिश में कामयाब नहीं हो पाएंगे। 44 प्रतिशत लोगों ने माना था कि नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं।