पीएमओ की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुशील चंद्र और दो अन्य चुनाव आयुक्त, राजीव कुमार व अनूप चंद्र के शामिल होने का मामला सियासी रंग लेता हुआ दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को इस मामले को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाया।

उन्होंने कहा कि वह (PMO) ऐसा नहीं कह सकते हैं। चुनाव आयोग को स्वतंत्र होना चाहिए, यह एक स्वतंत्र निकाय है, वे चुनाव आयोग को कैसे बुला सकते हैं? उन्होंने कहा कि फिर हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि चुनाव निष्पक्ष होंगे? कांग्रेस नेता ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव आ रहे हैं, हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले सभी चुनावों में हमें न्याय मिलेगा?

यह मीटिंग चुनाव आयोग को कानून मंत्रालय द्वारा मिले लेटर के एक दिन बाद हुई, जिसमें कुछ असामान्य शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। कानून मंत्रालय के अधिकारी की तरफ से लेटर में मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एक बैठक करने वाले हैं जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त का मौजूद रहना भी जरूरी है।

सूत्रों का कहना हैकि पत्र में लिखी गई भाषा सीईसी को पसंद नहीं आई। भाषा ऐसे थी जैसे कि किसी को समन भेजा जा रहा है। इससे पहले भी इस तरह की दो बैठकें हो चुकी थीं लेकिन इनमें चुनाव आयोग के अधिकारी शामिल हुए थे। मुख्य चुनाव आयुक्त को शामिल होने के लिए इस तरह नहीं कहा गया था।

CPM के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट प्रासंगिक और आंखें खोलने वाली है कि कैसे सरकार चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों के साथ “छेड़छाड़” कर रही है। ब्रिटास के अनुसार भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। इससे पहले भी हम देख चुके हैं कि कैसे चुनाव आयोग की स्वतंत्रता के साथ छेड़छाड़ की जा रही थी। उन्होंने कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि यह सरकार इस देश में सभी संस्थानों, विशेष रूप से चुनाव आयोग को पंगु बनाने पर आमादा है।

वहीं सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी इस मामले पर ट्वीट करते हुए नाराजगी जताई और मोदी सरकार को एट्रोसियस यानी कि अत्याचारी बताया। उन्होंने कहा कि PMO एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण को कैसे बुला सकता है? उन्होंने चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि EC इतना लापरवाह कैसे हो सकता है कि वह इसमें शामिल हो जाए।